
कमरे में हैवान, चकनाचूर खोपड़ी और पांच लाशें... मेरठ की सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री बेपर्दा, परिवार के तबाह होने की खौफनाक कहानी!
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बीते 9 जनवरी की रात मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके में एक घर के अंदर खौफनाक कांड हुआ. यहां परिवार के पांच लोग मारे गए थे, और पूरा मोहल्ला इस हत्याकांड को लेकर सदमे में था. जांच में पता चला कि यह हत्या एक संपत्ति और उधारी के विवाद की वजह से की गई थी. यह कहानी एक ऐसे परिवार के तबाह होने की है, जहां पैसों की खातिर इंसानियत को ताक पर रख दिया गया.
मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके में बीते 9 जनवरी को एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी नईम की मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई. वहीं दूसरा आरोपी सलमान घायल हो गया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड को रुपयों और संपत्ति के विवाद में अंजाम दिया गया. नईम ने जो हैवानियत की, वो दिल दहला देने वाली है.
दरअसल, 9 जनवरी को मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र के सुहेल गार्डन कॉलोनी में एक परिवार के पांच लोगों के शव मिले थे, जिनमें मोईन, उसकी पत्नी आसमा और तीन बेटियां शामिल थीं, जिनकी उम्र 9 साल, 4 साल और 1 साल थी. बच्चियों के शव बेड बॉक्स में मिले थे. इन सभी का कत्ल बेरहमी से किया गया था. चार लोगों के सिर पर चोट मारकर हत्या की गई थी, वहीं एक बच्ची की गला दबाकर हत्या हुई थी. इस मामले में तीन लोगों को नामजद करते हुए केस दर्ज कराया गया था. पूछताछ में सलमान नाम का आरोपी भी सामने आया था.
पुलिस का कहना है कि नईम नाम के आरोपी ने 5 से 6 लाख रुपये उधार दिए थे. जब पैसे मांगे तो वापस नहीं मिले. मृतक अपना मकान भी बनवा रहा था. एक प्लॉट भी खरीद लिया था. इसी से नाराज होकर आरोपी ने अपने भाई के साथ मिलकर अपने ही सौतेले भाई मोईन के परिवार को खत्म करने और उसकी प्रॉपर्टी हड़पने की साजिश रची थी.
अब पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी नईम को पुलिस की गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई, वहीं दूसरा आरोपी जो कि नईम का दत्तक पुत्र है, वह घायल हो गया है, पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया है. तीसरा आरोपी नईम का भाई है, उसे भी पुलिस ने पकड़ लिया है. मुठभेड़ के दौरान कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोट लगी.
इस घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जो पुलिस को हत्याकांड के दिन मिला था. इस वीडियो में दोनों आरोपी जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी आधार पर पुलिस का शक बढ़ गया था. जब पूछताछ के लिए बुलाया गया था तो यह आरोपी मोबाइल बंद कर कर फरार हो गए थे. इसके बाद पुलिस का शक और गहरा गया था. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 10 टीमें लगाई थीं.
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