कभी जहर तो कभी बना सजावटी सामान... 'लाल' हुआ टमाटर आपकी थाली तक कैसे पहुंचा?
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टमाटर की उत्पत्ति कहां से हुई? इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि लाखों साल पहले दक्षिण अमेरिका में आलू, तंबाकू और मिर्ची के साथ ही टमाटर की फसल उगी होगी. हफ्तेभर पहले 60 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 100 से 150 रुपये में बिक रहा है.
हफ्तेभर पहले 60 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 100 से 150 रुपये में बिक रहा है. दिल्ली में एक किलो टमाटर 80 से 100 रुपये में मिल रहा है. इंदौर की मंडियों में भी इसकी कीमत 110 रुपये पहुंच गई है. टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार का दावा है कि हफ्तेभर में इसके दाम कम हो जाएंगे.
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि मौसम ने टमाटर की फसल को प्रभावित किया है, जिस वजह से इसकी कीमतें बढ़ रही हैं. उन्होंने बताया कि हिमाचल के सोलन और सिरमौर से सप्लाई होगी तो दिल्ली में कीमतें कम हो जाएंगी. उन्होंने दावा किया कि 500 केंद्रों में कीमतों को ट्रैक किया जा रहा है और अगले सात से आठ दिनों में राहत मिल जाएगी.
बढ़ती कीमत का नतीजा ये हो रहा है कि कल तक अगर एक परिवार दिनभर में चार टमाटर खाता था तो अब वो दो ही खा रहा है. कई जगहों पर सलाद से टमाटर गायब ही हो गया है. लेकिन जो टमाटर आज इतना 'लाल' हो रहा है, उसे कभी 'जहर' बताया जाता था. अमीरों ने तो इसे खाना ही छोड़ दिया था. टमाटर सिर्फ गरीबों के लिए रह गया था.
कैसे पैदा हुआ ये लाल-लाल टमाटर?
टमाटर की उत्पत्ति कहां से हुई? इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि लाखों साल पहले दक्षिण अमेरिका में आलू, तंबाकू और मिर्ची के साथ ही टमाटर की फसल उगी होगी.
500 ईसा पूर्व टमाटर की खेती शुरू हुई होगी. इसके बाद दक्षिण अमेरिका में खाने के तौर पर इसका इस्तेमाल होना शुरू हुआ होगा. दक्षिण अमेरिका में एज्टेक प्रजाति के लोगों ने इसकी खेती शुरू की थी. दक्षिण से ही ये टमाटर उत्तरी अमेरिका में पहुंचा.
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