'कबाली' मूवी का प्रोड्यूसर ड्रग तस्करी में गिरफ्तार, 90 पाउच कोकीन और दो लाख से ज्यादा कैश बरामद
AajTak
तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने 'कबाली' मूवी के प्रोड्यूसर को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है. उनके पास से 90 पाउच कोकीन, दो लाख से ज्यादा कैश और एक मर्सिडीज गाड़ी बरामद हुई है.
तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने ड्रग पेडलिंग के आरोप में 'कबाली' मूवी के प्रोड्यूसर केपी चौधरी को गिरफ्तार किया है. बीते 13 जून को चौधरी किस्मतपुर एक्स रोड के पास ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे. उनके पास से 90 पाउच में 82.75 ग्राम कोकीन ड्रग और दो लाख से ज्यादा कैश बरामद किया गया है. इस मामले में राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
साइबराबाद पुलिस ने बताया कि आरोपी सुंकारा कृष्ण प्रसाद चौधरी खम्मम जिले के बोनाकल मंडल के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना बी.टेक मैकेनिकल पूरा किया और बाद में महाराष्ट्र के पुणे में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर के रूप में काम किया.
2016 में फिल्म इंडस्ट्री में आए
साल 2016 में चौधरी ने नौकरी छोड़ दी और फिल्म इंडस्ट्री में आ गए. फिल्म निर्माता के रूप में उन्होंने तेलुगू फिल्म कबाली बनाई. केपी ने दो तेलुगु (सरदार गब्बर सिंह, सीताम्मा वक्तीलो सिरिमल चेट्टू) और एक तमिल (कनीतन) फिल्म बना चुके हैं. हालांकि इन फिल्मों में उन्हें अधिक मुनाफा नहीं मिला.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.