'...कड़ी के पत्ते की तरह इस्तेमाल के बाद बाहर फेंक दिया जाएगा', अनिल एंटनी के फैसले पर छोटे भाई ने दिया ये बयान
AajTak
अनिल एंटनी के भाजपा जॉइन करने के बाद उनके छोटे भाई अजीत एंटनी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि उनके भाई ने गुस्से में ऐसा फैसला लिया है और भगवा पार्टी उन्हें ठीक उसी तरह बाहर कर देगी जैसे कि ‘कड़ी के पत्तों’ को इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली स्थित उनके मुख्यालय में अनिल को भाजपा की सदस्यता स्वीकार करते देख उनके पिता बहुत दुखी हुए थे.
बीते दिन यानी गुरुवार को एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो गए. उनके इस फैसले के बाद राजनीति में एक बयानबाजी का दौर चल पड़ा है. बीते दिन ही उनके पिता ने इस फैसले को गलत बताया था और कहा भी था अनिल एंटनी का यह फैसला आहत करने वाला है. इसके एक दिन बाद शुक्रवार को अनिल एंटनी के छोटे भाई अजीत ने भी अनिल के फैसले को गलत ठहराया है.
अजीत एंटनी ने कहा कि उनके भाई ने गुस्से में ऐसा फैसला लिया है और भगवा पार्टी उन्हें ठीक उसी तरह बाहर कर देगी जैसे कि ‘कड़ी के पत्तों’ को इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है. पत्रकारों से बात करते हुए अजीत एंटनी ने कहा कि अनिल ने अपने फैसले के बारे में परिवार को जरा सा भी संकेत नहीं दिया था और गुरुवार को चैनलों पर इस घटनाक्रम के बारे में खबर फ्लैश देखना उन सभी के लिए झटका था.
'भाई के फैसले से पिता को पहुंचा दुख'
उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली स्थित उनके मुख्यालय में अनिल को भाजपा की सदस्यता स्वीकार करते देख उनके पिता बहुत दुखी हुए थे. अजीत ने कहा, 'मैंने पप्पा (एके एंटनी) को घर के एक कोने में बेहद दर्द के साथ बैठे हुए देखा. मैंने उन्हें अपने जीवन में इतना कमजोर कभी नहीं देखा. उन्होंने आंसू नहीं बहाए.'
'कांग्रेस से नाराजगी की वजह तो ठीक लेकिन भाजपा जॉइन करना अप्रत्याशित...'
अजीत एंटनी ने कहा कि उनके भाई के पास भाजपा में शामिल होने के अपने कारण होंगे, वे बोले कि उन्हें कांग्रेस पार्टी के अज्ञात कार्यकर्ताओं से कई अपमानजनक कॉल आते थे, जिससे कि अनिल एंटनी आहत थे. अनिल के छोटे भाई ने कहा, 'मैंने सोचा था कि वह (कांग्रेस) पार्टी से गुस्से में दूर रहेंगे, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह भाजपा में चले जाएंगे. यह फैसला पूरी तरह से अप्रत्याशित था.'
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.