'ऑपरेशन Lotus के लिए BJP के इशारे पर काम कर रहे राज्यपाल', पंजाब के कैबिनेट मंत्री का दावा
AajTak
बीजेपी की आलोचना करते हुए अरोड़ा ने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां राज्यपालों को विपक्ष के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी है. भाजपा अपनी मशीनरी का दुरुपयोग कर सत्तारूढ़ सरकार को काम करने से रोकने और अपने नापाक एजेंडे को लागू करना चाहती है. इसलिए राज्यपाल आप सरकार को बार-बार नोटिस भेज रहे हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र के विधायी कार्यों का ब्योरा मांगने को 'दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय' करार दिया और आरोप लगाया कि पंजाब में 'ऑपरेशन लोटस' सफल करने के लिए राज्यपाल भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि बीते 75 साल में कभी किसी राष्ट्रपति या राज्यपाल ने सत्र बुलाने से पहले विधायी कार्यों की सूची नहीं मांगी. लेकिन पंजाब में ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्यपाल, बीजेपी और कांग्रेस के साथ मिलकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने और आम आदमी पार्टी की सरकार को काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं.
बीजेपी की आलोचना करते हुए अरोड़ा ने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां राज्यपालों को विपक्ष के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी है. भाजपा अपनी मशीनरी का दुरुपयोग कर सत्तारूढ़ सरकार को काम करने से रोकने और अपने नापाक एजेंडे को लागू करना चाहती है. इसलिए राज्यपाल आप सरकार को बार-बार नोटिस भेज रहे हैं और पार्टी को भारत के संविधान के अनुसार, स्वतंत्र रूप से काम करने से रोक रहे हैं.
'राज्यपाल लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं'
अरोड़ा ने कहा कि 27 सितंबर को होने वाले विधायी कार्यों का राज्यपाल कार्यालय द्वारा विवरण मांगना लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है. इससे पहले राज्यपाल ने 22 सितंबर को आप सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र को रद्द कर दिया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी भाजपा के उपराज्यपाल केजरीवाल सरकार को काम करने से रोक रहे हैं और अब भाजपा ने यह काम पंजाब के राज्यपाल को सौंप दिया है. अरोड़ा ने कहा कि भाजपा आप की बढ़ती लोकप्रियता से डर गई है. इसीलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है.
गुजरात CM रहते मोदी ने भी लगाया था आरोप
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.
सातवें चरण में लगभग 5.24 करोड़ पुरुष, 4.82 करोड़ महिलाएं और 3,574 थर्ड जेंडर मतदाता सहित 10.06 करोड़ से अधिक नागरिक मतदान करने के पात्र हैं. आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती, अभिनेत्री कंगना रनौत, रवि किशन, निशिकांत दुबे भी मैदान में हैं.