
एमबीबीएस, एमडी और खुदकुशी... किसान पिता ने लिया था 3 लाख का कर्ज, झकझोर देगी डॉक्टर बेटी की ये कहानी
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जिसने जिंदगी बचाना सीखा... उसे जिंदगी से हार माननी पड़ी! सिस्टम के दबाव, अत्याचार और टूटी उम्मीदों की दास्तां... महाराष्ट्र की वो डॉक्टर बेटी... दूसरों की जिंदगी बचाना उसका पेशा था, पर अपनी जिंदगी नहीं बचा सकी. एमडी करने का सपना और सिर पर तीन लाख का कर्ज… होटल में जान देने वाली इस डॉक्टर के हाथों पर लिखे शब्द इंसानियत को झकझोर देने के लिए काफी थे.
एक काबिल और संवेदनशील डॉक्टर... जो लोगों का इलाज करती थी, जिनके हाथों से रोज किसी न किसी की जिंदगी बचती थी... लेकिन वही हाथ एक रात अपनी ही जान लेने को मजबूर हो गए. डॉक्टर ने अपने ही हाथ पर पेन से नोट लिखा और होटल में जान दे दी. महिला डॉक्टर के हाथों पर पेन से लिखे शब्द एक दर्द की दास्तान थी. ऐसी दास्तान, जिसने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर कर रख दिया है.
एजेंसी के अनुसार, फलटण उपजिला अस्पताल में तैनात 33 साल की महिला डॉक्टर ने दो दिन पहले होटल में फांसी लगाई थी. जब पुलिस कमरे में पहुंची, तो सबसे पहले नजर गई उस हथेली पर लिखे सुसाइड नोट पर. उस पर सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक व्यवस्था की हकीकत बयां की गई थी. डॉक्टर ने हाथ पर लिखा था कि पीएसआई गोपाल बदने ने कई बार बलात्कार किया. प्रशांत बैंकर मानसिक रूप से परेशान करता था.
बीड जिले के वडवानी तहसील के एक गांव से निकली थी यह लड़की. पिता किसान थे, मां गृहणी. परिवार की आर्थिक हालत बहुत मजबूत नहीं थी, लेकिन बेटी का सपना बड़ा था- डॉक्टर बनना. इस बेटी के किसान पिता ने 3 लाख का लोन भी लिया था, ताकि बेटी का एमबीबीएस पूरा हो सके. बेटी ने मेहनत की, परीक्षा पास की और सरकारी सेवा में भर्ती हुई. उसकी पोस्टिंग सातारा जिले के फलटण उपजिला अस्पताल में हुई. परिवार के लिए यह गर्व की बात थी. बेटी गांव की वह लड़की थी, जिसने डॉक्टर बनकर नाम कमाया. लेकिन अब वही बेटी सिस्टम की बलि चढ़ गई.
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महिला डॉक्टर के दो चचेरे भाई भी डॉक्टर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें परेशान करने के लिए ही पोस्टमार्टम की ज़िम्मेदारी सौंपी थी. पीड़िता के परिजनों के अनुसार, वह एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की पढ़ाई करना चाहती थी और इसकी तैयारी कर रही थी.

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