
एक तरफ ईरान से दोस्ती की बात दूसरी ओर हूतियों को झटका... क्या है यमन में सऊदी का प्लान?
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यमन में वर्षों से जारी गृहयुद्ध ने देश में भारी विनाश किया है, जहां ईरान समर्थित हूती विद्रोही राजधानी सना पर कब्जा किए हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार अदन में शासन कर रही है. इस बीच सऊदी अरब ने अदन स्थित यमन की सरकार को बड़ी मदद का ऐलान किया है जो हूतियों के लिए करारा झटका है.
सालों से चल रहे गृहयुद्ध में यमन लगभग तबाह हो चुका है जहां के लोग दुनिया के सबसे विनाशकारी मानवीय संकट में से एक का सामना कर रहे हैं. यमन की राजधानी सना में जहां ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का कब्जा है वहीं, अदन शहर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमन की सरकार चलती है. सऊदी अरब हूतियों के खिलाफ अदन स्थित सरकार का समर्थन करता आया है और दोनों पक्षों के बीच लड़ाई में उसने यमनी सरकार की भारी मदद की है.
2023 में सऊदी-ईरान के बीच शांति समझौते से यमन में अपेक्षाकृत शांति तो है लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया है. अब सऊदी अरब ने ऐसी घोषणा की है जिससे ईरान समर्थित हूतियों को भारी झटका लगा है. सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब यमन को 36.8 करोड़ डॉलर यानी 32अरब 45 करोड़ 88 लाख से अधिक रुपये देने जा रहे हैं. एजेंसी ने बताया कि यह पैसा यमन के विकास और पुनर्निर्माण के लिए सऊदी प्रोग्राम के तहत दिया जा रहा है.
पैकेज में बजट सहायता, पेट्रोलियम डेरिवेटिव के लिए फंडिंग और अदन में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हॉस्पिटल के लिए पैसा शामिल है. सऊदी अरब ने कहा कि यह मदद यमन की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और यमन सरकार के रिफॉर्म प्रोग्राम्स को समर्थन देने के लिए है.
सऊदी की एजेंसी ने कहा कि यह सहायता किंग सलमान के निर्देशन में और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सिफारिशों के आधार पर दी गई है.
सऊदी और ईरान के बीच दोस्ती-दुश्मनी का किस्सा हमेशा से चलते आया है. शिया मुस्लिम बहुल ईरान और सुन्नी मुस्लिम बहुल सऊदी अरब के रिश्तों में धर्म एक बड़ा मुद्दा है और इसी के आधार पर दोनों देशों के रिश्तें भी तय होते रहे हैं.
2016 में सऊदी अरब ने एक शिया धर्मगुरु को फांसी दे दी थी जिसके विरोध में ईरान में भारी विरोध-प्रदर्शन हुए थे और प्रदर्शनकारियों ने सऊदी दूतावास को आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद सऊदी ने ईरान से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे और ईरान से लोगों के हज पर मक्का-मदीना आने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी.

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