
ऋषभ पंत की चोट बनी बदलाव की वजह! BCCI ने लागू किया सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट रूल, ये 2 नियम भी बदले
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ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स की इंजरी की बाद सब्स्टीट्यूट नियमों को लेकर खूब बहस हुई थी. बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट में यदि किसी खिलाड़ी को इंजरी होती है, तो उसकी जगह आने वाला खिलाड़ी बैटिंग या बॉलिंग के योग्य नहीं होता है. केवल सिर या आंख में चोट लगने पर कन्कशन सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में मैनचेस्टर टेस्ट मैच के दौरान दाएं पैर में गंभीर चोट लग गई थी. पंत तब क्रिस वोक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप मारना चाहते थे, लेकिन वोपूरी तरह चूक गए और इंजर्ड हो गए. इंजरी के चलते पंत उस मुकाबले में विकेटकीपिंग नहीं कर पाए. साथ ही उन्हें ओवल टेस्ट मैच से भी बाहर होना पड़ा था. ऋषभ पंत अब एशिया कप 2025 से भी बाहर रहेंगे.
फिर ओवल टेस्ट मैच के दौरान इंग्लिश तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स भी बायां कंधा चोटिल करवा बैठे थे. पंत और वोक्स की इंजरी की बाद आईसीसी के मौजूदा सब्स्टीट्यूट नियमों को लेकर खूब बहस हुई थी. बता दें कि यदि किसी खिलाड़ी को इंजरी होती है, तो उसकी जगह आने वाला खिलाड़ी बैटिंग या बॉलिंग के योग्य नहीं होता है.
कन्कशन सब्स्टीट्यूट की अनुमति तभी दी जाती है, जब खिलाड़ियों को सिर या आंख में चोट लगे. कन्कशन सबस्टीट्यूट बैटिंग या बॉलिंग करने के योग्य होता है. ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स को सिर या आंख में चोट नहीं लगी थी, इसलिए उनके रिप्लेसमेंट को बैटिंग या बॉलिंग की अनुमति नहीं मिली थी. टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर का मानना था कि अगर कोई खिलाड़ी मैच के दौरान गंभीर रूप से चोटिल होता है, तो उसके लिए सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी का विकल्प मिलना चाहिए.
गंभीर और स्टोक्स आए थे आमने-सामने गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट मैच की समाप्ति के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'अगर चोट साफ दिखाई दे रही है और खिलाड़ी बिल्कुल फिट नहीं है, तो अंपायर और मैच रेफरी की मंजूरी से उसे बदला जाना चाहिए. यह नियम काफी जरूरी है ताकि मुकाबला 11 vs 11 बना रहे, ना कि 10 vs 11.
वहीं इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स गौतम गंभीर की बातों से सहमत नहीं दिखे थे. बेन स्टोक्स ने मैनचेस्टर टेस्ट मैच के बाद कहा था, 'आप 11 खिलाड़ी चुनते हैं, चोट खेल का हिस्सा है. अगर ऐसा हुआ तो टीमें कई तरह से फायदा उठाने की कोशिश करेंगीय कन्कशन रिप्लेसमेंट ठीक है, लेकिन इंजरी रिप्लेसमेंट बिल्कुल नहीं होना चाहिए.'
अब ऋषभ पंत की इंजरी के बाद भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने आगामी घरेलू सीजन (2025-26) के लिए प्लेइंग कंडीशन्स में बड़े बदलाव किए हैं. अब मल्टी-डे क्रिकेट (रणजी ट्रॉफी और CK नायडू ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट) मैचों में यदि खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो उसके स्थान पर उतरा खिलाड़ी बैटिंग या बॉलिंग कर सकेगा. यह सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट रूल कुछ हद तक कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम से मिलता-जुलता है.

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