
उद्धव ठाकरे और राज की पार्टियों के गठबंधन का ऐलान आखिरी वक्त पर टला, कहां फंसा पेच?
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उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच गठबंधन का ऐलान आखिरी वक्त पर टल गया है. गठबंधन का आधिकारिक ऐलान अब 24 दिसंबर को हो सकता है.
महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) में गठबंधन की कवायद चल रही है. ठाकरे बंधुओं की पार्टियों के गठबंधन का ऐलान आज यानी 23 दिसंबर को होना था, जो टल गया है. शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस के साथ आने का आधिकारिक ऐलान अब 24 दिसंबर को होगा.
जानकारी के मुताबिक दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति करीब-करीब बन चुकी है. लेकिन, कुछ सीटों पर पेच अभी फंसा हुआ है. यही वजह है कि गठबंधन का आधिकारिक ऐलान अभी टालना पड़ा. दोनों दल चाहते हैं कि गठबंधन के आधिकारिक ऐलान से पहले हर पहलू पर सहमति बन जाए. कहीं भी किसी भी तरह का कोई पेच शेष न रहे. यही वजह है कि दोनों दलों के नेताओं ने 23 दिसंबर को पूर्व निर्धारित ऐलान टाल दिया है.
बताया जाता है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) पिछले बीएमसी चुनाव में जीती अपनी 84 सीटों में 12 से 15 सीटें राज ठाकरे की पार्टी को देने के लिए तैयार है. इस पर राज ठाकरे की पार्टी ने सहमति भी जता दी है. ये ऐसी सीटें हैं, जहां के पार्षद एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट में शामिल हो चुके हैं. जीती सीटों को लेकर दोनों दलों में सहमति बन चुकी है, लेकिन पेच फंसा है उन सीटों पर, जिन्हें शिवसेना के लिहाज से कठिन माना जाता रहा है.
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बीएमसी की ऐसी सीटों की संख्या करीब 35 बताई जा रही है. अब पेच यही है कि कठिन मानी जाने वाली इन सीटों पर न तो उद्धव की पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है, ना ही राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ही. दोनों ही दल बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुटे हैं. अब दोनों दलों के नेताओं की कोशिश है कि अनुपात के आधार पर ही इन सीटों का भी वितरण हो.
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