
उत्तराखंड: कैंची धाम दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को जाम से मिलेगी राहत, 26 मार्च से शटल सेवा शुरू
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उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम में भक्तों की भारी भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है. इसी को ध्यान में रखते हुए शटल सेवा शुरू की गई है.
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम में भक्तों की भारी भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है. इसी को ध्यान में रखते हुए कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल ने यातायात व्यवस्था का निरीक्षण किया और नई व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है. अब कैंची धाम आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर खड़ा कर शटल सेवा से मंदिर तक जा सकेंगे.
पार्किंग और शटल सेवा की व्यवस्था हल्द्वानी से भीमताल होते हुए आने वाले वाहन इंडस्ट्रियल एरिया भीमताल पार्किंग में पार्क होंगे. हल्द्वानी से ज्योलीकोट भवाली होते हुए आने वाले वाहन भवाली सेनेटोरियम के पास कैची बाईपास पर 1.5 किमी दूर पार्क होंगे.
क्या है शटल सेवा का समय? सामान्य दिनों में सुबह 08:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक. वीकेंड और त्योहारों पर सुबह 07:00 बजे से रात 08:00 बजे तक. भारी वाहनों की एंट्री वीकेंड और त्योहारों पर सुबह 08:00 बजे से रात 09:00 बजे तक प्रतिबंधित रहेगी.
नैनीताल पुलिस ने पर्यटकों से किया अनुरोध नैनीताल पुलिस ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपील की है कि वे इस यातायात व्यवस्था के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं और पुलिस प्रशासन का सहयोग करें. पुलिस प्रशासन, श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता की सुविधा के लिए लंबी अवधि की योजनाएं भी बना रहा है, जिससे आगे किसी तरह की परेशानी न हो.
कैंची धाम विशेष रूप से नीब करौली बाबा के आश्रम के रूप में प्रसिद्ध है, जो 20वीं शताब्दी के महान संतों में से एक माने जाते हैं. बाबा नीब करौली को हनुमान भक्त और सिद्ध पुरुष माना जाता है. उनके चमत्कारों और आध्यात्मिक ज्ञान की वजह से लाखों श्रद्धालु उनसे जुड़े.
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग का संबंध स्टीव जॉब्स भारत आए और उन्होंने कैंची धाम में ध्यान किया. मार्क जुकरबर्ग ने भी बताया कि स्टीव जॉब्स ने उन्हें कैंची धाम जाने की सलाह दी थी.

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