इजरायली सेना में गुजरात की नित्शा, हमास से लड़ रहीं जंग
AajTak
गाजा पट्टी में मंगलवार को हवाई हमले फिर से शुरू करने वालीं गुजराती मूल की 20 साल की नित्शा मुलियाशा इजरायल डिफेंस फोर्सेज टीम का हिस्सा हैं. नित्शा मुलियाशा मूल रूप से राजकोट के मनावदार तालुका के एक गांव कोठाड़ी की रहने वाली हैं.
इजरायल ने मंगलवार रात में गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किए. सीमावर्ती इलाकों में फिलिस्तीनी एन्क्लेव से आग लगाने वाले गुब्बारे छोड़े जाने के बाद इजरायल ने ये हमले किए. इस ताजा हमला के चलते हमास-इजरायल में पिछले महीने 11 दिन के संघर्ष के बाद हुआ सीजफायर टूट गया. (फोटो-Getty Images) गाजा पट्टी में मंगलवार को हवाई हमले फिर से शुरू करने वालीं गुजराती मूल की 20 साल की नित्शा मुलियाशा इजरायल डिफेंस फोर्सेज टीम (IDF) का हिस्सा हैं. अहमदाबाद मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, नित्शा मुलियाशा मूल रूप से राजकोट के मनावदार तालुका के एक गांव कोठाड़ी की रहने वाली हैं. इजरायल के तेल अवीव में रहने वालीं नित्शा मुलियाशा इजरायल की सेना में भर्ती होने वाली पहली गुजराती लड़की हैं. (प्रतीकात्मक फोटो-Getty Images)एक हेलिकॉप्टर हादसे में, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई. इस हादसे में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर, मालेक रहमती और धार्मिक नेता, मोहम्मद अली आले-हाशेम की भी मौत हो गई है. ऐसा पहली बार नहीं है जब एयर क्रैश में किसी वीवीआईपी हस्ती की मौत हुई हो. कई बार ऐसे मौके आए जब दुनिया ने हेलिकॉप्टर और प्लेन दुर्घटना में मारे गये नामों को सुना और चकित रह गई. आइए जानते हैं ऐसे ही 10 हादसों के बारे में.
शिया धर्मगुरु सैयद अहमद मुसावी का जन्म उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के पास किंटूर नामक एक छोटे से शहर में हुआ था. बीबीसी पत्रकार बाकर मोईन के अनुसार, मुसावी ने भारत के साथ अपना जुड़ाव दिखाने के लिए सरनेम के रूप में 'हिंदी' का इस्तेमाल किया. उनके पोते रुहोल्ला खुमैनी को आगे चलकर 1979 की ईरानी क्रांति का जनक कहा गया.
हेलीकाप्टर हादसे में मारे गए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को दफन कर दिया गया. उससे पहले उनके ताबूत को ईरान की सड़कों पर घुमाया गया. लोगों का हुजुम अपने नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए सड़कों पर उमड़ पडा. लोगों के हाथ में रईसी के पोस्टर थे. कई लोग रो रहे थे. रविवार को रईसी का हेलीकॉप्टर अजरबैजान में क्रैश हो गया था
ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई चर्चा में हैं. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद सुप्रीम लीडर खामेनेई सभी बड़े और जरूरी फैसले ले रहे हैं. उन्होंने देश में कार्यवाहक राष्ट्रपति भी नियुक्त कर दिया है. सुप्रीम लीडर को ईरान में सबसे बड़ा धर्मगुरु भी माना जाता है. वो ही देश से जुड़े सभी मामलों पर अंतिम फैसला देते हैं. ईरान का सुप्रीम लीडर ही राष्ट्र प्रमुख होता है और 'कमांडर इन चीफ' भी होता है.