
आसानी से पूरा होगा अमेरिकन ड्रीम! यूएस आर्मी में काम कर रहीं भारत की शिल्पा ने बताया रास्ता
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ट्रंप प्रशासन ने आते ही अमेरिका में प्रवासियों की एंट्री पर काफी हद तक रोक लगा दी है और ट्रंप अवैध प्रवासियों को वापस भेज रहे हैं. उन्होंने अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीयों का अमेरिकी नागरिक बनने का सपना भी चकनाचूर कर दिया है. लेकिन अमेरिकी नागरिक बनने का एक आसान रास्ता भी है जिसके लिए आपको अमेरिकी सेना में अपनी सेवाएं देनी होगी.
मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली 38 वर्षीय शिल्पा चौधरी भारतीय नागरिक हैं. लेकिन इस समय वो अमेरिकी सेना में अपनी सेवा दे रही हैं. जिस उम्र में अधिकतर लोग अपने जीवन में स्थिरता की ओर बढ़ते हैं, उस उम्र में शिल्पा चौधरी ने अमेरिका की सेना में सैनिक बनने का फैसला किया. ग्रीन कार्ड होल्डर होने के कारण उन्हें अमेरिकी सेना में भर्ती होने की इजाजत मिली. शिल्पा अमेरिकी सेना के अपने अनुभवों को अपने यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर शेयर करती हैं.
अमेरिका में, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, किसी भारतीय का अमेरिकी सेना में सेवा देना विरोधाभासी लग सकता है, क्योंकि अमेरिकी राजनीति में लंबे समय से एंटी-इमिग्रेंट एजेंडा हावी रहा है. यह व्यवस्था ट्रंप प्रशासन की नीतियों के उलट लगती है.
ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने खास तौर पर भारतीयों को प्रभावित किया है. H-1B वीजा अब पहले की तुलना में भारतीयों के लिए और अधिक दूर की कौड़ी बन गई है क्योंकि ट्रंप ने इसकी फीस लगभग 88 लाख रुपये तक बढ़ा दी है. जनवरी 2025 से अब तक ट्रंप प्रशासन 2,700 से ज्यादा भारतीयों सहित हजारों अप्रवासी नागरिकों को अमेरिका से निर्वासित कर चुका है.
अमेरिकी रक्षा विभाग उन लोगों को सेना में भर्ती करती है जो कानूनी स्थायी निवासी (Green Card holders) होते हैं. कई ग्रीन कार्ड होल्डर यूएस आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में इसलिए शामिल होते हैं क्योंकि इससे उनके नागरिकता मिलने का रास्ता आसान हो जाता है.
शिल्पा चौधरी अपने एक वीडियो में बताती हैं कि अमेरिकी सेना में कई तरह के भत्ते और लाभ मिलते हैं. एक एंट्री लेवल E1 स्तर के सैनिक को लगभग 2,000 डॉलर (लगभग ₹1.6 लाख) मासिक वेतन मिलता है, साथ ही हाउसिंग अलाउंस और सब्सिस्टेंस अलाउंस जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं.
वो बताती हैं कि प्रमोशन रेगुलर फिजीकल और निशानेबाजी टेस्ट पर निर्भर करता है. साथ ही सेना हर साल 4,000 डॉलर (₹3.3 लाख) की शैक्षणिक मदद देती है, जो सैनिक और उनके पति/पत्नी दोनों के लिए होती है. इसके अलावा जीआई बिल (GI Bill) के तहत सैनिक चार साल की सेवा के बाद कॉलेज या मास्टर की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार से ले सकते हैं.

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