
आतिशी के साथ शपथ ले सकते हैं दिल्ली सरकार के दो मंत्री, पुराने चेहरों पर ही दांव लगाएगी AAP?
AajTak
आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं. आम आदमी पार्टी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आतिशी के साथ दो मंत्री भी शपथ ले सकते हैं.
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद से अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था. केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नया नेता चुना गया था. आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया था. अब नई सरकार के गठन की तारीख भी सामने आ गई है.
उपराज्यपाल ने नई सरकार के शपथ ग्रहण के लिए 21 सितंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया है. ऐसे में अब बात आतिशी सरकार के स्वरूप पर होने लगी है. आम आदमी पार्टी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आतिशी के साथ उनकी सरकार के मंत्री भी शपथ लेंगे. लेकिन सूत्रों की मानें तो सीएम के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों की संख्या दो हो सकती है. दिल्ली में मुख्यमंत्री समेत कुल सात मंत्री हो सकते हैं.
आतिशी कैबिनेट में पिछली केजरीवाल कैबिनेट के चेहरों को ही शामिल किया जाएगा या सरकार की तस्वीर अलग होगी, इसे लेकर अभी कुछ साफ नहीं है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम का समय बचा है और आम आदमी पार्टी का फोकस सीएम केजरीवाल के जेल जाने से मंद हुई विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज की रफ्तार को तेज करने की होगी.
ऐसे में माना जा रहा है कि आतिशी कैबिनेट में पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया जा सकता है. चुनाव से चार महीने पहले किसी नए चेहरे को नए विभाग की जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी देगी, ऐसा लगता नहीं है. इसके पीछे तर्क ये दिए जा रहे हैं कि किसी नए मंत्री को विभाग की कार्यप्रणाली, कामकाज समझने में ही महीने-दो महीने का समय लग जाता है और सरकार के पास विधानसभा चुनाव से पहले चार महीने का ही समय है.
यह भी पढ़ें: क्या स्वाति मालीवाल प्रकरण ने आसान कर दी मुख्यमंत्री के लिए आतिशी की राह?
गौरतलब है कि शराब घोटाले में जमानत पर जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान किया था. केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा था कि अब जनता की अदालत में जाऊंगा और उसका फैसला आने तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







