
आतंक अब होगा ‘Act of War’: पाक के खिलाफ अब भारत की इजरायल जैसी पॉलिसी
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जब से ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तब से पूरा पाकिस्तान डर रहा था कि क्या भारत अब आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमले को अपनी आम रणनीति बना लेगा? और यह डर सच भी साबित हो चुका है. शनिवार सुबह भारत ने साफ कर दिया कि अब से कोई भी आतंकी हमला, जो भारत के हितों को नुकसान पहुंचाए, उसे 'Act of War' माना जाएगा.
तीन दिनों तक बढ़ते तनाव के बाद भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को संघर्षविराम की घोषणा कर दी है, जिससे टकराव का अंत हो गया. अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ यह सीजफायर भले ही पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी विराम हो, लेकिन भविष्य के लिए उन्हें सख्त चेतावनी भी मिल गई है. इस बार सरकार ने एकदम साफ कर दिया है कि आतंकियों या उनके आकाओं की कोई भी हिमाकत अब भारत के खिलाफ युद्ध मानी जाएगी. भारत के इस रुख के बाद ऐसा लग रहा है कि इस तरह के ऑपरेशन अब 'जिहादियों' के लिए एक न्यू नॉर्मल बन सकते हैं. साथ ही पाकिस्तान ने भी अपने लिए ये एक नई सड़क बना ली है.
जब से ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तब से पूरा पाकिस्तान डर रहा था कि क्या भारत अब आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमले को अपनी आम रणनीति बना लेगा? और यह डर सच भी साबित हो चुका है. शनिवार सुबह भारत ने साफ कर दिया कि अब से कोई भी आतंकी हमला, जो भारत के हितों को नुकसान पहुंचाए, उसे 'Act of War' माना जाएगा. इसलिए पाकिस्तान को अब यह समझना होगा कि सीजफायर की वजह से यह सख्ती अभी टल भले गई है. लेकिन पाकिस्तान ने जो सोचा है, वो ही होने वाला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक अहम सुरक्षा बैठक में आतंकी घटना को युद्ध की कार्रवाई मानने का फैसला लिया गया. सच पूछिए तो भारत की यह नई नीति 'इजरायल जैसी' है. यह फैसला भी ऐसे वक्त में आया है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिसमें 26 लोग मारे गए, भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बहुत बढ़ गया था.
अब से पहले भारत आतंकवाद को लेकर सावधानी, बातचीत और संयम के रास्ते पर चलता रहा है. पहले जब आतंकी हमले होते थे तो भारत इसे कानून-व्यवस्था की समस्या मानकर जांच एजेंसियों को सौंप देता था. अगर हमले में पाकिस्तान का साफ-साफ हाथ दिखता था तो भारत वहां की सरकार से सहयोग मांगता था और सबूतों के साथ अपनी बात रखता था. लेकिन हुआ क्या, हर बार भारत को निराशा ही मिली. पाकिस्तान या तो सबूतों को नकार देता या कहता कि उनके पास कोई जानकारी ही नहीं है. कभी-कभी जब कार्रवाई होती भी थी तो दोषियों को भारत को सौंपने की बजाय पाकिस्तान उन्हें अपनी जेलों में वीवीआईपी सुविधाओं के साथ मेहमानों की तरह रखता था.
इसके दो बड़े उदाहरण मसूद अजहर और हाफिज सईद हैं. जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद, इन दोनों ने साल 2000 के बाद भारत में कई बड़े आतंकी हमले करवाए. लेकिन पाकिस्तान ने इन्हें हमेशा पनाह दी और खुलेआम काम करने की छूट दी. हाफिज सईद को तो संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया, फिर भी उसे सजा के नाम पर ISI ने अपने मेहमान की तरह रखा. लेकिन अब ये सब नहीं चलेगा.
भारत सरकार ने अब फैसला लिया है कि आतंकवाद को सिर्फ पुलिस और जांच एजेंसियों का मामला नहीं माना जाएगा. अब आतंक को युद्ध समझा जाएगा और इसका जवाब भी युद्ध की तरह दिया जाएगा. भारत अब आतंकियों, उनके ठिकानों, समर्थकों और फंड देने वालों पर सीधे हमले करेगा. यानी अब ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाइयां आम हो जाएंगी.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन की भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. यात्रा के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. शुक्रवार को सम्मान समारोह, राजघाट पर श्रद्धांजलि, द्विपक्षीय बैठक और प्रेस बयान का कार्यक्रम तय है. दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया है.








