
आज तक के पत्रकार संतोष टोप्पो के माता-पिता और भाई की हत्या मामले में 19 गिरफ्तार
AajTak
मृतकों में पत्रकार संतोष के माता-पिता और भाई शामिल हैं. घटना दोपहर 1 बजे जगन्नाथपुर के खरगवा थाना क्षेत्र में उस वक्त हुई जब संतोष के माता-पिता, माघे टोप्पो (57) और बसंती टोप्पो (55) और उनके भाई नरेश टोप्पो (30) और उमेश टोप्पो अपने खेत में काम कर रहे थे.
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में शुक्रवार को संपत्ति विवाद में 'आज तक' के जिला रिपोर्टर संतोष कुमार टोप्पो के परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले में अब तक कुल 19 गिरफ्तारियां हुई हैं. सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मृतकों का प्रतापपुर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है.
मृतकों में पत्रकार संतोष के माता-पिता और भाई शामिल हैं. घटना दोपहर 1 बजे जगन्नाथपुर के खरगवा थाना क्षेत्र में उस वक्त हुई जब संतोष के माता-पिता, माघे टोप्पो (57) और बसंती टोप्पो (55) और उनके भाई नरेश टोप्पो (30) और उमेश टोप्पो अपने खेत में काम कर रहे थे. पुलिस के अनुसार, संतोष के परिवार और उनके चाचा के बीच इस खेत को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में अब आजतक के पत्रकार के परिजनों की हत्या, जमीन विवाद में माता-पिता और भाई को कुल्हाड़ी से काटा
दोपहर करीब 1 बजे संतोष के चाचा के परिवार के छह-सात सदस्य खेत में पहुंचे और उनके माता-पिता और भाइयों से बहस करने लगे. देखते-देखते यह बहस खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया. हमलावरों ने संतोष के परिजनों पर कुल्हाड़ियों और लाठियों से हमला कर दिया. बसंती और नरेश के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि माघे गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
संतोष के दूसरा भाई, उमेश टोप्पो मौके से अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहे और आसपास के ग्रामीणों को इस घटना के बारे में जानकारी दी. घटना के बाद आरोपी मौके से भाग गए. बताया जा रहा है कि विवादित जमीन जगन्नाथपुर कोयला खदान के सामने है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. जिस जमीन को लेकर यह हत्याकांड हुआ, उस पर पहले पत्रकार संतोष के चाचा का परिवार खेती करता था.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भारी गोलीबारी, DRG और STF ने संभाला मोर्चा

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






