आजम की नाराजगी के बीच इफ्तार में अखिलेश... क्या मुस्लिमों को दे रहे हैं संदेश?
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सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर हाल ही में चली चर्चा और उनके समर्थकों के साथ ही दूसरे बड़े मुस्लिम नेताओं की ओर से जाहिर किये गए असंतोष के बाद से सपा अध्यक्ष के तेवर बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में दावत-ए-इफ्तार ने नई सियासत को जन्म दे दिया है. समाजवादी पार्टी से मुसलमानों के मोहभंग की अटकलों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बीते कई दिनों से लगातार इफ्तार पार्टियों में शिकरत कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस दावत के सहारे अखिलेश नाराज मुसलमानों के बीच ये संदेश देना चाहते हैं कि वो उनके साथ खड़े हैं. हालांकि वो इफ्तार पार्टी के जरिए मुसलमानों की कितनी नारजागी दूर कर पाते हैं, वो आगे साफ होगा.
फिलहाल अखिलेश यादव के तेवर बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं. लगातार दावत-ए-इफ्तार में जाने के साथ-साथ सपा अध्यक्ष उससे जुड़ी तस्वीरें भी साझा कर रहे हैं. उनके इफ्तार पार्टी अटेंड करने से सूबे की राजनीति में जो चर्चा छिड़ी है वो ये है कि क्या वो मुसलमानों के साथ खड़े होने की कोशिश में हैं?
रोज़ा इफ़्तार। pic.twitter.com/sT3zvK6tMh
दरअसल, सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर हाल ही में चली चर्चा और उनके समर्थकों के साथ ही दूसरे बड़े मुस्लिम नेताओं की ओर से जाहिर किये गए असंतोष ने ये मुद्दा गरमा दिया है. ये असंतोष खासकर अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के लिए दिख रहा है. कहा जा रहा है कि अब ये समुदाय अपने राजनीतिक विकल्पों के साथ ही भविष्य के बारे में भी सोच रहा है.
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बता दें कि हाल ही में आजम खान के समर्थन में सपा के एक बड़े नेता ने इस्तीफा दे दिया था. सलमान जावेद राइन ने अखिलेश यादव पर मुसलमानों के लिए न बोलने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने लिखा था कि सपा नेताओं पर हो रही कार्रवाई पर अखिलेश ने चुप्पी साधी हुई है, जिससे नाराज होकर वह इस्तीफा दे रहे हैं. इससे पहले आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. फसाहत अली ने ये आरोप सीएम योगी के बयान को सही ठहराते हुए लगाए.
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