
असम राइफल्स ने मिजोरम में बरामद किया हथियारों का जखीरा, तीन म्यांमारी नागरिक गिरफ्तार
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असम राइफल्स ने मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा के पास हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया, जिसमें 580 राउंड 12 गेज शॉटगन कारतूस, 6 प्रेसिजन एयर राइफल, एक इल्यूमिनेटेड ऑप्टिकल स्कोप और 15,000 राउंड 4.5 मिमी एयर पेलेट्स शामिल हैं.
असम राइफल्स ने गुरुवार को दक्षिणी मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा के पास एक बड़ी कार्रवाई में तीन म्यांमारी नागरिकों को बड़ी मात्रा में हथियारों और प्रतिबंधित सामग्री के साथ गिरफ्तार किया. असम राइफल्स ने शनिवार को एक बयान में कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर तुइपांग-जॉन्गलिंग रोड पर एक मोबाइल व्हीकल चेक पोस्ट (MVCP) स्थापित की गई थी.
तुइपांग गांव से लगभग 7 किमी दक्षिण-पश्चिम में तीन केनबो मोटरसाइकिलों को रोका गया. तलाशी के दौरान, तीन म्यांमारी नागरिकों के पास से युद्ध सामग्री बरामद की गई, जिसमें 580 राउंड 12 गेज शॉटगन कारतूस, 6 प्रेसिजन एयर राइफल, एक इल्यूमिनेटेड ऑप्टिकल स्कोप और 15,000 राउंड 4.5 मिमी एयर पेलेट्स शामिल हैं.
हथियारों के अलावा, असम राइफल्स ने 3.5 किलोग्राम सुपारी, 150 टिन तंबाकू, दो बोतल स्थानीय रम, एक सिलिकॉन कार्बाइड स्लैब, 5 लाख क्यात की नकदी और अन्य यांत्रिक सामग्री भी जब्त की. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान बीहमो, फेथैसा और लैबावी के रूप में हुई, जो सभी म्यांमार के नागरिक हैं. जब्त सामग्री और गिरफ्तार व्यक्तियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए तुइपांग पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है.
असम राइफल्स, जिसे 'उत्तर पूर्व का मित्र' कहा जाता है, मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा के पूर्वी हिस्से की निगरानी का जिम्मा संभालती है. 1960 में 17 बटालियनों से शुरू हुई यह फोर्स अब 46 बटालियनों तक विस्तारित हो चुकी है और देश के सबसे दूरस्थ और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में तैनात है. जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में भी सामान्य स्थिति बहाल करने में असम राइफल्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

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