
'अवाम पर बम गिराने से फुर्सत मिले तो...', UNHRC में PAK को खैबर पख्तूनख्वा याद दिलाकर भारत के क्षितिज त्यागी ने जमकर धोया
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान को वो हकीकत याद दिलाई है जिस पर उस मुल्क की बुनियाद टिकी है. ये हकीकत है आतंकवाद को खाद-पानी देने की पाकिस्तान की नीति. UNHRC में भारत के युवा अधिकारी क्षितिज त्यागी ने कहा है कि अगर पाकिस्तान को अपने नागरिकों पर बम गिराने से फुर्सत मिले तो लाइफ सपोर्ट पर चल रही उसकी इकोनॉमी पर वह अपना ध्यान दे.
भारत ने पाकिस्तान सेना द्वारा खैबर पख्तूनख्वा में अपने ही असहाय और मासूम अवाम पर की गई बमबारी की ओर दुनिया का ध्यान खींचा है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान की इस करतूत की ओर इशारा किया है और कहा है कि ये दुनिया का ऐसा मुल्क है जो अपने ही नागरिकों पर लड़ाकू विमानों से बम गिराता है और उनकी हत्याएं करता है.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में पाकिस्तान सेना ने 22 सितंबर की रात को आसमान से मौत बरसाई. इस हमले में महिला-बच्चों समेत 30 लोग मारे गए. खैबर पख्तूनख्वा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इसे 'जेट बॉम्बिंग' कहा है. यहां से आई मिट्टी से सनी मृत बच्चों की तस्वीरें, खाट पर डेड बॉडीज की कतार कलेजा चीर देने वाली है. स्थानीय लोगों ने कहा है कि क्या ये मासूम बच्चे आतंकवादी थे?
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने और दुष्प्रचार के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
क्षितिज त्यागी ने सिलसिलेवार तरीके से पाकिस्तान की करतूतों को दुनिया के सामने रखा. उन्होंने कहा, "हमारे क्षेत्र पर लालच करने के बजाय, उन्हें अपने अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए और अगर उन्हें आतंक का निर्यात करने, अपने लोगों पर बमबारी करने और UN द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने से फुर्सत मिले तो उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर अर्थव्यवस्था को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए."
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की इस बैठक में क्षितिज त्यागी ने पुलवामा, उरी, पठानकोट और मुंबई सहित पिछले हमलों के साथ-साथ पहलगाम में हुए हालिया हमले का भी ज़िक्र किया. उन्होंने पाकिस्तानी नेताओं के पाखंड का भी ज़िक्र किया और बताया कि उन्होंने पहले अल-क़ायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी.
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