अमेरिका से 31 ड्रोन तो ब्रिटेन से मुक्त व्यापार की चर्चा, G-20 समिट से भारत को क्या-क्या मिला?
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दो दिन तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में दुनिया के ताकतवर देशों की चली G-20 समिट रविवार को खत्म हो गई. G-20 समिट से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 देशों के राष्ट्रप्रमुखों से द्वीपक्षीय बातचीत भी की. ऐसे में जानते हैं कि G-20 समिट से इतर भारत को क्या-क्या मिला?
दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की G-20 समिट का रविवार को समापन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील को इसकी अध्यक्षता सौंप दी. नवंबर से ब्राजील के पास औपचारिक रूप से G-20 की अध्यक्षता चली जाएगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनियाभर के नेताओं ने भारत की मेजबानी की सराहना की. इस समिट में कुल तीन सत्र हुए. पहले दिन यानी 9 सितंबर को वन अर्थ और वन फैमिली और दूसरे दिन वन फ्यूचर का सत्र हुआ.
आखिरी सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर जोर दिया. उन्होंने कहा, जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तब दुनिया बिल्कुल अलग थी, लेकिन अब ये संख्या करीब 200 हो गई है. उसके बावजदू संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या वही बनी हुई है.
पहले ही दिन डिक्लेरेशन पर बनी सहमति
भारत की अध्यक्षता में पहली बार हुई G-20 समिट में पहले ही दिन 'डिक्लेरेशन' यानी घोषणापत्र पर आम सहमति बन गई. प्रधानमंत्री मोदी ने इसके 'एडॉप्ट' होने का ऐलान किया था.
ये घोषणापत्र 37 पन्नों का है. इस घोषणापत्र के सभी पैरा पर आम सहमति बना पाना सबसे मुश्किल पड़ाव होता है. लेकिन इस बार सभी पैरा पर सहमति बन गई.
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