
अमेरिका के सुपरमार्केट में फायरिंग, भारतीय छात्र की हत्या, थम नहीं रहा मौत का सिलसिला
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आंध्र प्रदेश के बापटला जिले के रहने वाले 32 वर्षीय एक छात्र दासारी गोपीकृष्ण की अमेरिका के एक सुपरमार्केट में हुई गोलीबारी में दुखद मौत हो गई. गोपीकृष्ण बेहतर आजीविका की तलाश में आठ महीने पहले अमेरिका चला गया था. वहां एक सुपरमार्केट में काम कर रहा था.
आंध्र प्रदेश के बापटला जिले के रहने वाले 32 वर्षीय एक छात्र दासारी गोपीकृष्ण की अमेरिका के एक सुपरमार्केट में हुई गोलीबारी में दुखद मौत हो गई. गोपीकृष्ण बेहतर आजीविका की तलाश में आठ महीने पहले अमेरिका चला गया था. वहां एक सुपरमार्केट में काम कर रहा था.
शनिवार दोपहर को हुई गोलीबारी के दौरान दासारी गोपीकृष्ण काउंटर पर मौजूद था. उसी समय एक अज्ञात हमलावर ने स्टोर में प्रवेश किया और गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इस गोलीबारी में गोपीकृष्ण गंभीर रूप से घायल हो गया और उसी वक्त घटनास्थल पर ही गिर पड़ा.
आनन-फानन में उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. गोपीकृष्ण करलापलेम मंडल के याजली का मूल निवासी था. उसकी असामयिक मृत्यु से पत्नी और बेटे सहित पूरा परिवार गहरे सदमे में है. याजली का समुदाय इस क्षति पर शोक मना रहा है.
बताते चलें कि अमेरिका में भारतीय मूल के छात्रों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है. दावा है कि इस साल अब तक भारतीय मूल के कम से कम 11 छात्रों की मौत हो चुकी है. अप्रैल महीने में भी 25 साल के मोहम्मद अब्दुल अरफात नामक एक छात्र अमेरिका के क्लीवलैंड शहर में मृत पाया गया था.
अरफात क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी से आईटी में मास्टर्स की पढ़ाई करने गया था. वो लगभग एक महीने से लापता था. उसे ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक, अरफात 5 मार्च को अपने घर से निकला था और फिर वापस नहीं लौटा. आखिरी बार 7 मार्च को परिजनों से बात की थी.
अचानक बढ़ती ऐसी घटनाओं से अमेरिका में रह रहे भारतीय और भारतवंशियों में डर का माहौल है. इस घटना के बाद फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने ऐसी घटनाओं का विश्लेषण कर मौतों के संभावित कारणों का पता लगाने की कोशिश की थी.

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