
'अब RSS का ध्यान चर्च की जमीनों पर...', वक्फ बिल पर विवाद के बीच राहुल गांधी का दावा
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यह घटनाक्रम वक्फ बिल के संसद से पारित होने के एक दिन बाद सामने आया है. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी ने वक्फ विधेयक के समर्थन में ईसाई समुदाय और केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल का हवाला देते हुए विपक्ष पर तंज कसा था.
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा करते हुए कहा ईसाई समुदाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का अगला टारगेट हो सकता है. उन्होंने इसके लिए आरएसएस के मुख्यपत्र ऑर्गनाइज़र में छपे एक आर्टिकल का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि कैथोलिक संस्थान देश में सबसे बड़े भू-स्वामी हैं.
अब इसाईयों पर RSS का ध्यान
ऑर्गनाइज़र की वेबसाइट पर प्रकाशित आर्टिकल, जो अब अप्रकाशित हो चुका है, में दावा किया गया था कि भारत में कैथोलिक संस्थानों के पास 7 करोड़ हेक्टेयर जमीन है, जिससे वे सबसे बड़े गैर-सरकारी भू-स्वामी बन गए हैं. राहुल गांधी ने X पर लिखा कहा, 'मैंने कहा था कि वक्फ विधेयक अभी मुसलमानों पर हमला करता है, लेकिन यह भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने का मंच तैयार करेगा. आरएसएस को ईसाइयों पर ध्यान देने में ज्यादा समय नहीं लगा, संविधान ही वह एकमात्र ढाल है जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है और इसे बचाना हमारा सामूहिक कर्तव्य है.'
राहुल गांधी ने ऑर्गनाइज़र के आर्टिकल पर आधारित एक न्यूज रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया है. इस आर्टिकल को निंदनीय करार देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि बीजेपी का अगला कदम कैथोलिक समुदाय के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर कब्जा करना होगा. उन्होंने कहा कि वक्फ विधेयक के पारित होने के समय, कांग्रेस और राहुल गांधी ने कहा था कि अगला कदम ईसाइयों के खिलाफ होगा और 'ऑर्गनाइज़र' का आर्टिकल साफ तौर पर इसका जिक्र करता है.
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आर्टिकल, जिसका शीर्षक था 'भारत में किसके पास ज्यादा जमीन है? कैथोलिक चर्च बनाम वक्फ बोर्ड', में आरोप लगाया गया था कि कैथोलिक संस्थानों के अधीन ज्यादातर जमीन ब्रिटिश शासन के दौरान 1927 के भारतीय चर्च अधिनियम के तहत हासिल की गई थी. इसमें 1965 के एक सरकारी आदेश का हवाला दिया गया था जिसमें कहा गया था कि औपनिवेशिक काल के दौरान पट्टे पर दी गई जमीन को अब चर्च की संपत्ति के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी.

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