अब साउथ के राज्यों में कोरोना की नई लहर हुई खतरनाक, बेंगलुरु में दिल्ली जैसा संकट
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New Corona Cases in South India Updates: दक्षिण भारत में कोरोना ने एक बार फिर तेजी से रफ्तार पकड़ ली है. दक्षिण भारत के सिर्फ चार राज्यों से पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,37,579 नए केस सामने आए हैं. जबकि, 656 लोगों की मौत हुई है.
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने तीसरी लहर के बारे में चेतावनी जारी की है. सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर विजय राघवन के मुताबित कोरोना की तीसरी लहर भी जरूर आएगी. वायरस का संक्रमण अपने सबसे ऊंचे लेवल पर है. अभी यह तय नहीं है कि तीसरी लहर कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी, लेकिन हमें नई लहर के लिए तैयार रहना होगा. इस बीच दक्षिण भारत में कोरोना ने एक बार फिर तेजी से रफ्तार पकड़ ली है. दक्षिण भारत के सिर्फ चार राज्यों से पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,37,579 नए केस सामने आए हैं. जबकि, 656 लोगों की मौत हुई है. देश में कोरोना आंकड़ों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4,12,262 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,10,77,410 हो गई है. वहीं, 3,980 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,30,168 हो गई है. देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 35,66,398 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,72,80,844 है. देश में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 16,25,13,339 हो गया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 29,67,75,209 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 19,23,131 सैंपल कल टेस्ट किए गए.करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.