अब एक नहीं, दो महीने बाद लगेगी कोविशील्ड की दूसरी डोज, केंद्र की राज्यों को चिट्ठी
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केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्य और केंद्र शासित सरकारों को अहम निर्देश भेजा गया है. अब कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज़ के बीच के अंतर को बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में देश में वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है. इस बीच सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्य और केंद्र शासित सरकारों को अहम निर्देश भेजा गया है. अब कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज़ के बीच के अंतर को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. केंद्र के निर्देश के अनुसार, कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज़ के बीच अब कम से कम 6 से 8 हफ्ते का अंतर होना चाहिए. केंद्र द्वारा जानकारी दी गई है कि NTAGI और वैक्सीनेशन एक्सपर्ट ग्रुप की ताजा रिसर्च के बाद ये फैसला लिया जा रहा है, जिसका अमल राज्य सरकारों को करना चाहिए. दावा किया गया है कि अगर वैक्सीन की दूसरी डोज़ 6 से 8 हफ्ते के बीच में दी जाती है, तो ये अधिक लाभदायक होगी. आपको बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया जा रहा है. भारत में अभी सबसे अधिक उपयोग इसी वैक्सीन का हो रहा है. मौजूदा वक्त में पहली और दूसरी डोज़ के बीच का अंतर 28 दिन का है. देश में जारी है वैक्सीनेशन का अभियान भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का मिशन 16 जनवरी से शुरू हुआ था, वहीं दूसरा फेज़ 1 मार्च से शुरू हुआ था. अभी तक देश में साढ़े चार करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके हैं. अभी स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना वॉरियर्स के अलावा 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोग, 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले (गंभीर बीमारी से ग्रसित) लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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