अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा, फिर बर्खास्तगी... दांव पर राजेंद्र गुढ़ा का सियासी करियर?
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राजेंद्र गुढ़ा कभी सीएम अशोक गहलोत के खास हुआ करते थे. गुढ़ा तब भी गहलोत के साथ खड़े थे जब सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे और सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. फिर क्यों और कैसे गुढ़ा-गहलोत में दुश्मनी का मोर्चा खुल गया?
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.