अपना मोबाइल लेने बदमाश के पीछे भाग रहे सिपाही को घोंपा इंजेक्शन, अस्पताल में मौत
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महाराष्ट्र के मुंबई में ट्रेन से जा रहे एक सिपाही का एक बदमाश ने मोबाइल लूट लिया. इसके बाद कांस्टेबल उसका पीछा करने लगा. कुछ दूर जाने पर आरोपी के अन्य साथी भी आ धमके और सिपाही से मारपीट शुरू कर दी. इसी दौरान किसी ने उसे जहरीला इंजेक्शन लगा दिया. इसके बाद सिपाही को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
मुंबई में एक सिपाही को कुछ लुटेरों ने जहरीला इंजेक्शन लगा दिया था. अस्पताल में इलाज के दौरान 30 वर्षीय कांस्टेबल की मौत हो गई. मृतक सिपाही मुंबई पुलिस के सशस्त्र इकाई में तैनात था. बताया जाता है कि कुछ दिन पहले दिन पहले रेलवे ट्रैक पर कुछ बदमाश उनका मोबाइल फोन छीन रहे थे. जब वह लुटेरों से मोबाइल फोने लेने की कोशिश कर रहे थे, तभी बदमाशों ने उनके शरीर में जहरीला इंजेक्शन लगा दिया था.
मिली जानकारी के अनुसार कांस्टेबल विशाल पवार ठाणे का रहने वाला था.जब उसकी मौत हुई, तब वह ठाणे के एक अस्पताल में भर्ती था. वहां गुरुवार को आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गया. पुलिस ने बताया जहरीला इंजेक्शन लगाने की घटना 28 अप्रैल की रात 9.30 बजे के करीब हुई थी. जब पवार ड्यूटी पर जा रहा था. इस दौरान वह सादी वर्दी में था. इस कारण उसके साथ ट्रेन में लूटपाट हुई.
ट्रेन से ड्यूटी पर जाने के दौरान बदमाश ने छीना फोन पवार ने पुलिस अधिकारी को बयान दिया था कि वह ट्रेन से ड्यूटी पर जाने के दौरान दरवाजे पर खड़ा था और उसके हाथ में उसका फोन था. मुंबई में जैसे ही ट्रेन सिओन और मटूंगा के बीच धीरे हुई, एक बदमाश ने उसका फोन छीनने की कोशिश की. इस दौरान मोबाइल नीचे रेलवे ट्रैक पर गिर गया. इसके बाद बदमाश फोन लेकर भागने लगा. सिपाही पवार भी उचक्के के पीछे दौड़ा.
ड्रग्स लेने वाले लोगों ने हाथापाई के दौरान लगाया जहरीला इंजेक्शन पवार ने पुलिस को बताया था कि कुछ दूर जाने पर उसे ड्रग्स लेने वाले लोगों के एक ग्रुप ने घेर लिया. इसके बाद उनके साथ हाथापाई भी हुई. ड्रग्स लेने वालों ने पवार के साथ धक्का मुक्की और मारपीट शुरू कर दी. इसी दौरान एक आरोपी ने पवार को जहरीला इंजेक्शन जैसा कुछ उसे शरीर में डाल दिया. साथ ही उनलोगों ने लाल रंग का कोई लिक्विड भी उनके मुंह में डाल दिया. इसके बाद पवार वहीं बेहोश होकर गिर गए.
तीन दिन बाद अस्पताल में हुई मौत पुलिस अधिकारी का कहना है कि दूसरे दिन पवार को होश आया. उसके बाद उनकी हालत और भी बिगड़ने लगी. उनके परिवार वालों ने उसे थाने के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया. अस्पताल में इलाज के दौरान पवार की हालत बिगड़ती ही चली गई. मौत होने से पहले पुलिस ने अस्पताल में उसका बयान दर्ज किया था. इसके बाद अज्ञात बदमाशों और नशेड़ियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. यह मामला रेलवे पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है.
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