अच्छे दिन से आत्म निर्भर तक मोदी सरकार के सात साल में 7 बड़ी उपलब्धियां
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नरेंद्र मोदी ने 2014 में अच्छे दिन के वादे के जरिए सत्ता पर काबिज हुए और 2020 में आत्मनिर्भर का नारा दिया. मोदी को एक मजबूत और लोकप्रिय नेता माना जा रहा है. ऐसी छवि बनी है कि वो कड़े फैसले लेने में हिचकते नहीं हैं. मोदी सरकार के सात साल पूरे होने जा रहे हैं और ऐसे में हम मोदी सरकार की सात उपलब्धियों का जिक्र करेंगे.
देश की सत्ता पर नरेंद्र मोदी को काबिज हुए सात साल पूरे होने जा रहे हैं. इस तरह से मोदी सरकार 2.0 की दूसरी सालगिरह (26 मई) आने वाली है. नरेंद्र मोदी ने अपने साल साल के कार्यकाल में जता दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति वाली सरकार अपने फैसलों से कैसे राजनीति की दशा-दिशा बदल सकती है. नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों पर गौर करें तो देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण दूसरी लहर से उपजे हालात से निपटने की मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. इसके बावजूद मोदी सरकार में एक के बाद एक हुए ऐतिहासिक निर्णयों से बदलाव आए हैं, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है. अच्छे दिन से आत्मनिर्भर तक नरेंद्र मोदी ने 2014 में अच्छे दिन के वादे के जरिए सत्ता पर काबिज हुए और 2020 में आत्मनिर्भर का नारा दिया. मोदी को एक मजबूत और लोकप्रिय नेता माना जा रहा है. ऐसी छवि बनी है कि वो कड़े फैसले लेने में हिचकते नहीं हैं और नई लीक बनाने की भी कोशिश करते हैं. मोदी इस बात से भी बेफिक्र रहते हैं कि जिस राह पर चलने का फैसला किया है वो कहां जाएगी और क्या नतीजे मिलेंगे. कश्मीर में अलगाववाद और विद्रोह को चारा मुहैया करना वाले अनुच्छेद 370 का खात्मा सरकार ने ऐसे ही किया तो आतंकवाद पर भी नकेल कसने का काम सरकार ने किया. ऐसे में मोदी सरकार के सात साल की सात उपलब्धियों का जिक्र करेंगे.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.