World Malaria Day 2023: ऐसे पहचानें आपको हो गया है मलेरिया, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
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आज दुनियाभर में वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जा रहा है. मलेरिया की बीमारी की गंभीरता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को World Malaria Day दिवस मनाया जाता है. मलेरिया एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है जिसमें छोटी सी लापरवाही इंसान के लिए जानलेवा हो सकती है.
World Malaria Day 2023: आज दुनियाभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. इसका मकसद मलेरिया के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. हर साल की तरह इस साल भी मलेरिया डे को मनाने के लिए एक खास थीम ‘Ready To Combat Malaria' यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार, रखी गई है. इसका मकसद लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए जागरूक करना है.
मलेरिया मादा मच्छर एनोफेलीज के काटने से होता है. बरसात के मौसम या वातावरण में नमी होने पर मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं और बीमारी फैलाते हैं. बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना, ठंड लगना, थकान होना, चक्कर आना और पेट में दर्द होना मलेरिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं. आमतौर पर मलेरिया दो सप्ताह में ठीक हो जाता है लेकिन बीमारी को नजरअंदाज करना रोगी के लिए जानलेवा हो सकता है. मलेरिया होने पर मरीज को अपने खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.
कैसे होती है मलेरिया की बीमारी हर साल भारत में मलेरिया के हजारों मामले सामने आते हैं. WHO के मुताबिक मलेरिया की बीमारी ज्यादातर मामलों में संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से लोगों में होती है. संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने के कारण इंसान के खून में प्लॅस्मोडियम वीवेक्स वायरस संचारित होता है. ये वायरस ही मलेरिया रोग की वजह बनता है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो वायरस लिवर तक पहुंचकर स्थिति को भयावह बना सकता है. कुछ मामलोंं में दूषित रक्त चढ़ाने और दूषित सुई के कारण भी मलेरिया हो सकता है.
मलेरिया के लक्षण डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिनों के भीतर दिखने शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों में लक्षण हल्के हो सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले मलेरिया का संक्रमण हो चुका है. इसके शुरुआती लक्षण कंपकंपी वाली ठंड लगना, तेज बुखार और सिरदर्द को माना जाता है. इसके अलावा शरीर में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, पसीना आना आदि जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं.
वहीं, गंभीर मामलों में मरीज को सांस लेने में दिक्कत, आंखों और त्वचा में पीलापन, अत्यधिक थकान, कमजोरी, यूरीन में ब्लड आना, असामान्य रक्तस्राव, याद्दाश्त में दिक्कत जैसी परेशानिया भी हो सकती हैं. हल्के मलेरिया के लक्षण दिखने पर ही उसका इलाज करा लेना चाहिए. वहीं गंभीर लक्षण दिखने पर मरीज को फौरन इमरजेंसी में ले जाना चाहिए, वरना स्थिति जानलेवा भी हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान मलेरिया का संक्रमण भी समय से पहले प्रसव या कम जन्म वजन वाले बच्चे की डिलीवरी का कारण बन सकता है.
मलेरिया के मरीज कैसी डाइट लें
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