UP: खेल-खेल में दब गया ट्रिगर, BJP नेता के बच्चे से हो गया 11 साल के दोस्त का मर्डर
AajTak
भाजपा जिला महामंत्री संजय जायसवाल के घर पर उनके पड़ोसी रामेश्वर प्रसाद का बेटा अनंत दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था. इस बीच जायसवाल का बेटा कहीं से अपने पिता की लोडेड पिस्टल उठा ले आया और गोली चला दी. गोली सीधी अनंत को लगी और उसने वहीं दम तोड़ दिया.
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसमें खेल-खेल में गोली चलने से एक मासूम की दर्दनाक मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि BJP नेता के घर पर कुछ बच्चे खेल-खेल रहे थे, तभी पास में रखी लाइसेंसी पिस्टल से अचानक गोली चल गई.
बुलेट सीधे मासूम को सीने में लगी और उसकी दर्दनाक मौत हो गयी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, मामला करारी थाना के अशोक नगर का है.
पुलिस के मुताबिक करारी थाना क्षेत्र के अशोक नगर मोहल्ले में भाजपा जिला महामंत्री संजय जायसवाल का घर है. यहां शाम 6 बजे जायसवाल के बच्चे के साथ पड़ोसी रामेश्वर प्रसाद का 11 साल का बेटा अनंत वर्मा चोर-सिपाही खेल रहा था. इस दौरान मोहल्ले के कुछ और बच्चे भी मौजूद थे.
सीधे सीने में लगी गोली
घर में कोई भी बड़ा सदस्य मौजूद नहीं था. इसलिए बच्चे खेलते-खेलते कमरे में पहुंच गए. कमरे में भाजपा नेता की लोडेड पिस्टल रखी हुई थी. जायसवाल के बच्चे ने खेल-खेल में पिस्टल से गोली चला दी. गोली सीधा सामने खड़े अनंत वर्मा के सीने में लगी, और उनंत वहीं गिरकर तड़पने लगा.
रोती हुई बच्चे के पास पहुंची मां
सतारा लोकसभा सीट से शिवाजी महाराज के 13वें वंशज उदयनराजे प्रतापसिंह भोसले ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की है. उन्होंने एनसीपी (शरद पवार गुट) उम्मीदवार शशिकांत जयवंतराव शिंदे को 32 हजार 771 वोटों के अंतर से चुनाव हराया. उदयनराजे भोसले को 5,71,134 वोट मिले थे. वहीं, एनसीपी के शशिकांत को 5,38,363 मत हासिल हुए. वहीं जिस निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव सिंबल पर शरद पवार की पार्टी ने ऐतराज जताया है, उसे 37 हजार से अधिक वोट मिले.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. फोन कॉल आना शुरू हो गए थे. मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग (विपक्ष) तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे.