UGC NET के बाद JRF कैसे मिलता है? जानिए- यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर-असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का पूरा प्रोसेस
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विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर या प्रोफेसर या किसी बड़े संस्थान से वैज्ञानिक के तौर पर जुड़कर आप अपना करियर बना सकते हैं. इसके लिए आपको यूजीसी की कई परीक्षाओं के एग्जाम्स के बारे में पूरी डिटेल पता होनी चाहिए. यहां हम आपको केंद्रीय या राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने की पूरी प्रक्रिया बता रहे हैं.
UGC NET, UGC NET JRF, UGC NET CSIR, SET विश्वविद्यालय में शिक्षक बनने के लिए कई तरह के एग्जाम होते हैं. क्या आपको पता है कि किस एग्जाम को देने से क्या फायदा होता है. इन एग्जाम को कौन कराता है और किस एग्जाम को करने से क्या फायदा होता है. ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब हम यहां आपको दे रहे हैं.
NET और JRF क्या हैं, क्या दोनों के लिए अलग-अलग एग्जाम होते हैं?
नहीं, UGC-NET(JRF) एक ही परीक्षा का नाम है. इसमें NET JRF एग्जाम एक साथ होता है. इसमें जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी जेआरएफ उनको मिलता है जो टॉप 10 पर्सेंट वालों को मिलेगा. उसमें मेरिट के हिसाब से सेंट्रल यूनिवर्सिटी या IIT, IIM या इंडिया के किसी इंस्टीट्यूट में फेलोशिप मिलेगी.
JRF करने का क्या फायदा है?
जेआरएफ का फुल फॉर्म जूनियर रिसर्च फेलोशिप है, इस परीक्षा में सेलेक्ट होने के बाद किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी या इसके अंतर्गत आने वाले शैक्षणिक संस्थानों से रिसर्च पीएचडी कर सकते हैं. इस दौरान पहले दो साल शोधार्थी को 31 हजार रुपये प्रति माह दो सालों तक मिलते हैं. फिर तीसरे साल से ये 35 हजार रुपये मिलने लगते हैं. अभ्यर्थियों को रिसर्च के लिए 20 हजार सालाना का कंटीजन फंड भी मिलता है.
जेआरएफ से पीएचडी करने के बाद करियर का रास्ता क्या होता है?
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