
Surya Grahan 2025: 4 दिन बाद लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, धनु राशि वालों पर मंडराएगा संकट
AajTak
Surya Grahan 2025: 21 सितंबर को साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण रात 11 बजे से लेकर देर रात 03.23 बजे तक लगेगा. यह ग्रहण भरात में दृश्यमान नहीं होगा. लेकिन इसका असर 12 राशियों पर पड़ने वाला है. यह समय धनु राशि वालों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होने वाला है.
Surya Grahan 2025: साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को लगने वाला है. यह ग्रहण कन्या राशि में रात 11 बजे से लेकर देर रात 03.23 बजे तक लगेगा. धार्मिक मान्यताओं में सूर्य ग्रहण को शुभ-अशुभ घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है. हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण का असर सभी 12 राशियों पर अलग-अलग रूप से पड़ता है. कुछ राशियों को सकारात्मक बदलाव लेकर आता है, वहीं कुछ राशियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. आगामी चंद्र ग्रहण से धनु राशि के जातकों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है.
धन हानि की संभावना
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, 21 सितंंबर का सूर्य ग्रहण धनु राशि के जातकों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. इस राशि के जातकों को आर्थिक मोर्चे पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बड़े निर्णय लेने से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं. आपके खर्चे अचानक खर्चे बढ़ सकते हैं. मेहनत का उचित फल नहीं मिलेगा. व्यापार में लिए गए गलत निर्णय बड़ा घाटा करवा सकते हैं. निवेश या किसी नए काम की शुरुआत करने से पहले शुभचिंतकों की राय लें.
परिवार और मान-सम्मान पर असर
परिवारिक मामलों में तनाव की स्थिति बन सकती है. खासतौर से पिता या वरिष्ठ सदस्यों के साथ संबंधों में खटास आ सकती है. समाज में भी मान-सम्मान को लेकर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. आलोचनाएं होंगी. धैर्य और संयम बनाए रखें.
करियर और कार्यक्षेत्र में दबाव

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









