Shah Mahmood Qureshi ने Article 370 को बताया India का आंतरिक मामला, PAK में हुई खिंचाई तो देनी पड़ी सफाई
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विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान को लेकर पाकिस्तान में जमकर बवाल हुआ. खासकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता और पूर्व पीएम नवाज शरीफ के प्रवक्ता मोहम्मद जुबैर ने कुरैशी की जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि कुरैशी का बयान कश्मीर को लेकर पाक द्वारा ऐतिहासिक रुख से यू-टर्न लेने जैसा है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बड़बोले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने बीते दिनों कश्मीर पर कुछ ऐसा कहा कि अपने ही घर में घिर गए. विपक्षी पार्टियों से लेकर कट्टरपंथी संगठनों तक ने उनकी आलोचना की. जब माहौल गर्माया तो कुरैशी को अहसास हुआ कि वह क्या बोल गए हैं. इसके बाद उन्होंने तुरंत एक बयान जारी करते हुए अपने पहले बयान को गलत करार दे डाला. वैसे, ये कोई पहला मौका नहीं है जरूरत से ज्यादा बोलने की आदत की वजह से विदेश मंत्री कई बार अपनी और मुल्क की बेइज्जती करवा चुके हैं. After two years, foreign minister Qureshi has realised article 370 means nothing to Pakistan. "It is India's internal issue." Let me be clear: Jammu & Kashmir is an internationally recognised dispute on the Security Council agenda. Final settlement of the dispute lies in resolution calling for free and impartial plebiscite under UN auspices. Nothing about J&K can be India’s internal matter. Is this a historical U turn. FM Shah Mahmood says Pakistan has no issue with India’s decision to do away with article 370. Shah Mahmood says this is India’s internal matter. This means Pakistan has agreed to give up its historical stance that Kashmir is a disputed territory विपक्ष ने बनाया निशाना दरअसल, कुछ दिन पहले एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला बता दिया था. इसके बाद पाकिस्तान में उनकी जमकर आलोचना हुई. नौबत यहां तक आ गई कि कुरैशी को सफाई देनी पड़ी. सोमवार को उन्होंने ट्वीट करके कहा कि जम्मू-कश्मीर कभी भी भारत का आंतरिक मामला हो ही नहीं सकता है. — Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) — Mohammad Zubair (@Real_MZubair)More Related News
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध में अगर जरूरत पड़ी तो उनका देश ‘अकेला भी खड़ा’ रहेगा. नेतन्याहू का यह बयान, बृहस्पतिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की उस चेतावनी के बाद आया जिसमें कहा गया है कि अमेरिका, इजराइल को दक्षिणी गाजा शहर रफह पर हमले के लिए हथियार मुहैया नहीं करेगा.