SC से पूर्व सैनिकों को बड़ी राहत, केंद्र को OROP के तहत 15 मार्च तक भुगतान करने का आदेश
AajTak
सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन मामले में सरकार को आदेश दिया है कि वह 15 मार्च तक पूर्व सैनिकों को बकाया राशि का भुगतान कर दे. वहीं कोर्ट के इस आदेश पर एजी ने बताया कि पेंशनभोगियों की अंतिम लिस्ट स्क्रीनिंग के लिए मंत्रालय के पास है. स्क्रीनिंग के बाद जल्द ही पेमेंट शुरू कर दिया जाएगा.
वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व सैनिकों को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने सरकार को ओआरओपी के तहत बकाया रकम का भुगतान 15 मार्च तक करने का आदेश दे दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सैनिक की याचिका पर सुनवाई के दौरान पेमेंट नहीं मिलने के सवाल पर यह आदेश दिया. मालूम हो कि ओआरओपी का भुगतान सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को किया जाता है, जो समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर सेवानिवृत्त होते हैं, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कुछ भी हो.
वहीं अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले की निगरानी रख रहा हूं. इसे जल्द ही पेमेंट शुरू किया जाएगा. 25 लाख पेंशनभोगी हैं. लिस्ट अंतिम स्क्रीनिंग के लिए मंत्रालय के पास आ गई है. यह रक्षा मंत्रालय के फाइनेंस सेक्शन के पास है.
दिसंबर में OROP में किया गया है संशोधन
केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 23 दिसंबर को वन रैंक वन पेंशन योजना को संशोधित किया था. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया था कि वन रैंक वन पेंशन का रिवीजन किया गया है. पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था, लेकिन अब संशोधन के बाद 25 लाख को इसका फायदा मिलेगा. सरकार के इस फैसले से राजस्व पर 8500 करोड़ का भार भी आएगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसमें 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है. इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा.
वीआरएस लेने वालों को नहीं मिलेगा लाभ
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.