Sarva Pitru Amavasya 2022: पितरों को मनाने का आखिरी मौका, सर्वपितृ अमावस्या पर आज ना करें ये 5 गलतियां
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Sarva Pitru Amavasya 2022 Mistakes: सर्वपितृ अमावस्या के दिन धरती पर उतरे पितरों को याद करके उन्हें विदाई दी जाती है. अगर इस साल आपने पितृपक्ष में अपने पितरों को याद नहीं किया है तो उन्हें मनाने का अब आपके पास आखिरी मौका है. सर्वपितृ अमावस्या को उन्हें याद करके दान देने और निर्धनों को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
Sarva Pitru Amavasya 2022 Mistakes: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जन या सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है. इस दिन धरती पर उतरे पितरों को याद करके उन्हें विदाई दी जाती है. अगर इस साल आपने पितृपक्ष में अपने पितरों को याद नहीं किया है तो उन्हें मनाने का अब आपके पास आखिरी मौका है. सर्वपितृ अमावस्या को उन्हें याद करके दान देने और निर्धनों को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इस दिन दान करने का फल अमोघ होता है. इससे आपके जीवन की हर बड़ी परेशानी का अंत हो सकता है. सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को यानी आज है.
सर्वपितृ अमावस्या पर कैसे दें पितरों को विदाई? जो लोग अपने पितरों की मृत्यु तिथि को याद ना रख पाए हों, वे पितृ विसर्जन अमावस्या को उनका श्राद्ध कर सकते हैं. इस दिन किसी सात्विक और विद्वान ब्राह्मण को घर पर निमंत्रित करें. उन्हें भोजन कराएं और आशीर्वाद देने की प्रार्थना करें. स्नान करके शुद्ध मन से भोजन बनाएं. भोजन सात्विक होना चाहिए और इसमें खीर पूड़ी जरूर हो. ये कार्य दोपहर के समय करें तो बेहतर होगा. ब्राह्मण को भोजन कराने से पहले पंचबली दें. फिर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.
सर्वपितृ अमावस्या पर ना करें ये गलतियां
केवल इन पितरों का करें श्राद्ध- सर्वपितृ अमावस्या पर केवल उन्हीं पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि हम भूल चुके हैं या फिर उनका देहांत अमावस्या तिथि पर हुआ है. अन्यथा अपने पितरों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि के आधार पर करना ही उचित होता है.
नाखून और बाल काटने से बचें- पितरों की विदाई के दिन बाल, नाखून आदि ना कटवाएं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि ऐसा करने से आपको पितृ दोष के भयानक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है. पितृ अमावस्या तिथि लगने से लेकर उसके समापन तक ये काम बिल्कुल ना करें. इस दिन चीजों को खरीदकर घर लाने की गलती भी न करें.
दरवाजे से किसी को खाली हाथ ना भेजें- सर्वपितृ अमावस्या के दिन अगर कोई दान-दक्षिणा लेने आपके द्वार पर आए तो उसे कभी खाली हाथ न जाने दें. आपकी ये छोटी सी गलती पितरों को नाराज कर सकती है. अपनी क्षमता के अनुसार ऐसे लोगों को कुछ न कुछ जरूर देना चाहिए. ऐसे में आटा, चावल या तिल का दान करना बहुत शुभ समझा जाता है.