
Railway News: जम्मू-कश्मीर हाईवे बंद, कटरा-बनिहाल के बीच रेलवे ने शुरू की ये स्पेशल ट्रेन
AajTak
जम्मू-सिरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण यातायात में बाधा के बीच यात्रियों को सुविधा के लिए उत्तर रेलवे स्पेशल ट्रेन चला रहा है. कटरा और बनिहाल के बीच 19 सितंबर से 3 अक्टूबर तक 15 दिन के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी.
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद होने के कारण सड़क मार्ग पर यातायात बाधित है. ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए नॉर्थन रेलवे कटरा और बनिहाल के बीच 15 दिन के लिए स्पेशल ट्रेन चला रहा है. इससे पहले 8 सितंबर को भी कटरा और संगलदान के बीच स्पेशल लोकल ट्रेन शुरू की गई थी, जिससे उधमपुर जिले में हाईवे बंद होने के कारण फंसे यात्रियों को राहत पहुंचाई गई.
सीनियर डिविजनल ऑपरेशंस मैनेजर उचित सिंघा ने जानकारी दी कि यह ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटरा से बनिहाल के लिए 19 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगी. इस स्पेशल ट्रेन को चलाने का फैसला डिविजनल रेलवे मैनेजर विवेक कुमार के मार्गदर्शन में लिया गया और इसमें सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर उचित सिंघल और सीनियर डिविजनल ऑपरेशंस मैनेजर अरिश बंसल ने भी साथ दिया है.
क्या होगा ट्रेन का रूट?
यह ट्रेन बनिहाल से सुबह 11 बजे चलेगी और कटरा दोपहर 1.30 बजे पहुंचेगी. रास्ते में यह ट्रेन रेयासी, बक्कल, दुग्गा, सावलकोट, संगलदान, सुम्बर और खारी स्टेशनों पर रुकेगी. इसी तरह यह ट्रेन कटरा से बनिहाल के लिए चलेगी, जो कटरा से दोपहर 1.45 बजे रवाना होगी और बनिहाल शाम 4.10 बजे पहुंच सकेगी.
इस स्पेशल ट्रेन के संचालन पर सीनियर डिविजनल ऑपरेशंस मैनेजर अरिश बंसल ने कहा कि, यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा डिविजन की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. बनिहाल और कटरा क्षेत्रों में सड़क सेवाएं बंद होने के कारण यह स्पेशल ट्रेन लोगों की सुरक्षित और आसान यात्रा के लिए एक अहम विकल्प साबित हो सकती है. वो बताते हैं कि यह कदम जम्मू डिविजन में भारी बारिश और जलभराव के चलते सड़क यातायात बाधित होने के कारण उठाया गया है.
डिविजन ने पहले भी कटरा और संगलदान के बीच यात्रियों के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाई थी. भारी बारिश से हुए नुकसान के कारण फिलहाल सड़क यातायात बाधित है. स्थानीय लोगों और राज्य प्रशासन की मांग के बाद इस स्पेशल ट्रेन सेवा को मंजूरी दी गई है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







