
PM के नेतृत्व में हो रहा है रेड टेरर का सफाया, मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त हो जाएगा देश: अमित शाह
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गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को वैचारिक और सामाजिक स्तर पर चुनौती देने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि विचार और समाज स्तर पर भी लगातार काम करना होगा.
नई दिल्ली में आयोजित 'नक्सल मुक्त भारत: मोदी के नेतृत्व में रेड टेरर का अंत' कार्यक्रम के समापन सत्र को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नहीं, बल्कि समाज की जागरूकता और वैचारिक स्तर पर मुकाबला करने से ही पूरी तरह सफल होगी.
अमित शाह ने अपने बयान में कहा, "मैंने पहले भी कहा है और आज दोहराता हूं कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त होगा लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि आखिर इस देश में नक्सलवाद की समस्या क्यों पनपी, क्यों बढ़ी और क्यों विकसित हुई. इसका वैचारिक पोषण किसने किया."
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गृह मंत्री ने आगे कहा कि जब तक भारतीय समाज नक्सलवाद के विचारधारा को पोषित करने वाले लोगों को नहीं पहचानता, और उन्हें मुख्यधारा में वापस नहीं लाता, तब तक यह लड़ाई अधूरी रहेगी. उन्होंने कहा, "जब मोदी जी ने भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला, तब देश के सामने तीन बड़े आंतरिक सुरक्षा संकट थे - जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाका."
गृह मंत्री ने कहा, "ये क्षेत्र करीब चार-पांच दशकों से अशांति के केंद्र रहे, जहां हजारों लोगों की जान गई और शांति-स्थिरता लगातार बाधित होती रही. इतना ही नहीं, देश के बजट का बड़ा हिस्सा, जो गरीबों के कल्याण पर खर्च हो सकता था, इन चुनौतियों को सुलझाने में लगाना पड़ा. मोदी जी के पद संभालने के बाद सरकार ने इन तीनों क्षेत्रों को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता माना और लंबे समय के लिए एक ठोस और स्पष्ट रणनीति बनाई, ताकि इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सके."
प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे विकास के काम

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