
Pakistani Woman Absconds from Bareilly: भारत में फर्जी तरीके से रह रही थी पाकिस्तानी महिला, फेक डाक्यूमेंट्स से मिली सरकारी नौकरी, अब बरेली से फरार
AajTak
pakistani national: बरेली के प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षिका बनी पाकिस्तानी नागरिक शुमायला खान फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी हासिल कर फरार हो गई है. तहसीलदार जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर तीन महीने पहले मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने कई जगह दबिश दी है, लेकिन अब तक महिला का सुराग नहीं मिला है. जांच जारी है.
बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पाकिस्तानी नागरिकता छुपाकर सरकारी स्कूल में शिक्षिका बनी शुमायला खान अब फरार हो गई है. मामले के सामने आते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
जानकारी के मुताबिक, शुमायला खान ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे रामपुर में भारतीय मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाया और उसे पेश कर बरेली के फतेहगंज पश्चिमी स्थित प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक शिक्षक पद पर वर्ष 2015 में नियुक्ति हासिल कर ली थी. उसने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता छिपाकर सरकारी नौकरी पाई थी.
बेसिक शिक्षा विभाग ने तीन महीने पहले ही इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए शुमायला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और उसे निलंबित भी कर दिया था. तहसीलदार सदर की जांच रिपोर्ट में प्रमाणित हुआ कि शुमायला ने फर्जी तरीके से दस्तावेज बनवाए थे.
अब जब देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश जारी हुए, तो पुलिस ने उसकी जांच की. इस दौरान पता चला कि शुमायला खान फरार है.
कई जगह दबिश एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि महिला की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें बनाई गई हैं. बरेली से लेकर रायपुर तक छापेमारी की जा रही है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है. मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर मीडिया को जानकारी दी जाएगी.
मूल प्रमाण पत्र से लेकर नौकरी तक फर्जीवाड़ा बताया जा रहा है कि शुमायला ने मूल प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल की थी. यदि तहसीलदार की रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा उजागर नहीं होता तो यह धोखाधड़ी लंबे समय तक छिपी रह सकती थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







