
MP: कांग्रेस नेता के विवादित बोल, जिन्ना को बताया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
AajTak
मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर विवाद छिड़ गया है. उन्होंने जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बता दिया है. बीजेपी के तमाम नेता पर उन पर हमलावर हो गए हैं.
देश में जिन्ना को लेकर राजनीति ना चुनाव के समय थमती है और ना ही चुनाव के बाद इस पर विराम लगता है. अब मध्य प्रदेश में जिन्ना विवाद उछाल दिया गया है. मध्य प्रदेश के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने जिन्ना को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बताया है. उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला है.
सज्जन सिंह वर्मा आगर-मालवा में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान पत्रकारों ने पूछा कि आपने हाल ही में जिन्ना को जिन्ना साहब क्यों कहा था? इसका जवाब देते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि 'जिन्ना ने देश तोड़ा नहीं उन्होंने तो भला किया. पढ़े लिखे लोगों के दिमाग मे भी यही है कि देश तोड़ दिया. अरे उन्होंने तो तुमको खड़े होने की जगह दी. मैं तो पत्रकारों से पूछता हूं कि क्या जिन्ना ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया या नहीं? क्या वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे या नहीं?' सज्जन सिंह वर्मा ने मोहन भागवत के अखंड भारत बनाने के बयान पर भी की टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान, इंडोनेशिया और बंगलादेश के मुसलमान अखंड भारत मे आ गए तो मोदीजी और भागवतजी आपको खड़े रहने की जगह नहीं मिलेगी.
सज्जन वर्मा के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर हमला बोला है. मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'जिन्ना में गन्ना सी मिठास ढूँढने के निर्देश जयपुर में आयोजित काँग्रेस के चिंतन शिविर से काँग्रेसी नेताओ को मिले हैं. इसलिए सज्जन वर्मा जी जिन्ना जिन्ना के राग अलाप रहे हैं, जिन्ना को महापुरुष बता रहे हैं. यदि ऐसा है तो जिन्ना को कांग्रेस अपना आदर्श पुरुष क्यों नही बना लेती?'
वैसे जिस विवाद पर मध्य प्रदेश में विवाद छिड़ा है, कुछ समय पहले तक यूपी चुनाव के दौरान हर रैली में इस मुद्दे को उठाया गया था. जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जिन्ना और महात्मा गांधी की तुलना कर दी थी, तब बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए पूरे चुनाव को ही उस पर केंद्रित कर लिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







