
Mahavir Jayanti 2025: राजघराने में जन्मे थे भगवान महावीर, जानें 30 की उम्र में राजपाट छोड़ कैसे बने संन्यासी
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Mahavir Jayanti 2025: भगवान महावीर ने अपने जीवन के पहले 30 साल राजसी जीवन में बिताए, लेकिन इसके बाद उन्होंने सब कुछ त्याग कर 12 साल तक जंगलों में तपस्या की. इस लंबी साधना के बाद उन्हें कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ था.
Mahavir Jayanti 2025: चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान महावीर का जन्म हुआ था. यह दिन जैन धर्म में महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस साल महावीर जयंती 10 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे. उन्होंने बहुत छोटी उम्र में ही राजसी जीवन छोड़कर संन्यास अपना लिया था. आइए महावीर जयंती के अवसर पर भगवान महावीर के जीवन के बारे में विस्तार से जानते हैं.
महावीर जयंती का महत्व
महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग पूजा, व्रत और सेवा करते हैं. मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है और उन्हें सजाया जाता है. इसके बाद रथ या पालकी यात्रा निकाली जाती है, जिसमें भक्त भजन-कीर्तन करते हैं.
राजघराने में हुआ था महावीर का जन्म
भगवान महावीर का जन्म बिहार के वैशाली के पास कुंडग्राम स्थान पर हुआ था. उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ था. जब महावीर जी का जन्म हुआ था, तब राजा के घर में सुख-समृद्धि बढ़ गई थी. इसी कारण बचपन में उनका नाम वर्धमान रखा गया था. राजघराने में जन्म होने की वजह से उनका बचपन बहुत सुख-सुविधाओं में बीता.
भगवान महावीर का संदेश – जियो और जीने दो

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