
J-K विधानसभा चुनाव: भारी विरोध के बाद तीन लिस्ट... लेकिन BJP के बड़े चेहरों के नाम अब भी नदारद
AajTak
अब तक जम्मू-कश्मीर भाजपा के कुछ प्रमुख चेहरों को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 45 उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद भी अब तक डॉक्टर निर्मल सिंह, कविंदर गुप्ता, सत शर्मा, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष रविंदर रैना का नाम अबतक एक भी लिस्ट में नहीं आया है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं. मंगलवार को पहले चरण के नामांकन का आखिरी दिन भी था. ऐसे में सभी पार्टियां पहले चरण की लिस्ट जारी कर चुकी हैं. ऐसे में बीते दो दिनों में भाजपा भी अब तक तीन लिस्ट जारी कर चुकी है. इन तीनों लिस्ट से पहले भी भाजपा ने एक लिस्ट जारी की थी. जिसे लेकर पार्टी को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.
कार्यकर्ताओं द्वारा भारी विरोध के बाद पार्टी ने संशोधित लिस्ट जारी की. इसके बाद अन्य भी सूचियां जारी हुईं. लेकिन इन सबके बीच भी पार्टी को कार्यकर्ताओं का भारी विरोध झेलना पड़ रहा है. वजह है कि अब तक जम्मू-कश्मीर भाजपा के कुछ प्रमुख चेहरों को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 45 उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद भी अब तक डॉक्टर निर्मल सिंह, कविंदर गुप्ता, सत शर्मा, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष रविंदर रैना का नाम अबतक एक भी लिस्ट में नहीं आया है.
निर्मल सिंह के नाम का नहीं हुआ ऐलान
डॉ. निर्मल सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. वे पूर्व डिप्टी सीएम और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2014 के चुनावों में बिलावर विधानसभा सीट से निर्मल सिंह ने जीत हासिल की थी.
बाहु सीट से कविंदर पर कयास जारी
इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व डिप्टी सीएम, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और जम्मू शहर के पूर्व मेयर कविंदर गुप्ता के नाम का ऐलान भी पार्टी ने अब तक नहीं किया है. कविंदर ने साल 2014 में गांधी नगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. परिसीमन के बाद अब इस सीट का नाम बाहु हो गया है. कविंदर गुप्ता को अभी भी उम्मीद है कि उन्हें जगह मिल सकती है क्योंकि बाहु सीट के लिए अभी तक किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










