Inside Story: अभी भी तालिबान की पहुंच से बाहर है अफगानिस्तान का ये एयरपोर्ट, ये है वजह
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काबुल का हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस वक़्त अफग़ानिस्तान से निकलने का इकलौता रास्ता है. अब चूंकि रास्ता इकलौता है, तो मानो पूरा अफगानिस्तान ही बस इसी रास्ते पर सिमट आया हो. क्योंकि जान बचाने का कोई रास्ता बचा ही नहीं है.
तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, तो पड़ोसी देशों ने सरहद पर चौकसी और सुरक्षा बढ़ा दी. तालिबान ने सरहद पर लड़ाके तैनात कर दिए. अब सरहद के रास्ते अफगानिस्तान छोड़ना लोगों के लिए मुश्किल हो गया. अफगानिस्तान से कोई समुद्री रास्ता भी नहीं है. अब केवल हवाई रास्ता बचता है. अफगानिस्तान में कुल 4 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं. जिनमें से तीन पर तालिबान का कब्जा हो गया है. जहां से अफगान नागरिक बाहर नहीं जा सकते. अब केवल काबुल का हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट बचा है. जो अमेरिकी सैनिकों के कब्जे में है और तालिबान एयरपोर्ट के दरवाजे पर खड़ा है.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.