Himachal Rainfall Update: हिमाचल में 'आफत की बारिश'... कई जगह लैंडस्लाइड, अब तक 22 की मौत, ऑरेंज अलर्ट जारी
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Himachal Rainfall Alert: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश भयंकर तबाही की खबरें आ रही हैं. बीते 24 घंटों में 30 से ज्यादा फ्लैश फ्लड रिपोर्ट हुए हैं. इन घटनाओं में 6 लोगों की मौत की खबर है. फिलहाल राज्य सरकार ने हिमाचल आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से राज्य की यात्रा ना करने की अपील की है.
Himachal Pradesh Heavy Rainfall: हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश दर्ज की गई है. शिमला में भी मूसलाधार बारिश जारी है. कांगड़ा, चंबा, मंडी में बारिश का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. राज्य में बीते 24 घंटों में 30 से ज्यादा फ्लैश फ्लड रिपोर्ट हुए हैं. इनमें 22 लोगों की मौत और 6 लापता बताए जा रहे हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों में हुआ है. उन्होंने कहा कि मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित 743 सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है.
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि अकेले मंडी में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में 13 लोगों की मौत हो गई और छह लापता हो गए.
मंडी में एक मकान ढहा
मंडी में एक मकान ढहने से 7 लोगों के दबने की सूचना है. 2 लोगों की बॉडीज रिकवर हुई है. कांगड़ा में अग्रेजों के वक्त के एक रेल लाइन का चक्की ब्रिज भी टूट गया है. चंबा में भी कई जगह भूस्खलन की खबरें हैं. राज्य में 30 से ज्यादा जगहों पर नुकसान की रिपोर्ट है.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.