Ghazipur Border: बैरिकेडिंग हटने के बाद भी जमा हैं आंदोलनकारी किसान, देखें ताजा हालात
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दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग भले ही हटा ली गई हो लेकिन रास्ता अभी भी खुल नहीं पाया है. वजह हैं आदोलनकारी किसान जो अभी भी तंबू लगाकर यहां जमा हैं. सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद गाजीपुर-टिकरी बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाए जा चुके हैं लेकिन किसान अपनी मांग लेकर अब भी डटे हुए हैं जिसकी वजह से इन सड़कों पर अब भी आवाजाही रुकी हुई है. लगभग साल भर से बंद गाजीपुर बॉर्डर शुक्रवार को खोला गया है. किसान एक साल से केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सभी बॉर्डर पर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यहां से हटाया जा रहा है तो अब किसान संसद जाकर फसल बेचेंगे. जानें कैसे हैं दिल्ली बॉर्डर पर ताजा हालात.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.