
G-20 समिट से भारत और दुनिया को क्या मिला?
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दिल्ली में G-20 समिट से भारत और दुनिया को क्या मिला, अगले साल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्या तैयारियां की गई हैं और आज रिज़र्व डे पर होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच में किसका पलड़ा है भारी? सुनिए 'आज का दिन' में.
इस पूरे साल भारत के 60 शहरों में जी20 की 200 से ज़्यादा बैठके हुईं. इसके आखिरी चरण में 9 और 10 सितंबर को ग्रुप के सभी राष्ट्र प्रमुख दिल्ली में मिलें. और साल 2023 का ये आयोजन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ समाप्त हुआ. लगभग सभी ने भारत की अध्यक्षता और मेहमाननवाज़ी का शुक्रिया अदा किया. One Family, One Earth, One Future ये इस समिट की थीम थी और इसके पहले दिन ही साझा घोषणापत्र जारी करने पर सभी देशों में सहमती बन गई थी. जो कि भारत के लिए एक चुनौतीभरा काम था.
जी 20 का पिछला समिट इंडोनेशिया के बाली में आयोजित हुआ था, जिसपर पूरी तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध का असर था. इस बार भी ऐसी आशंका बनी हुई थी. हालांकि शुरु से ही भारत सभी देशों के बीच संतुलन बनाए हुआ था और आख़िर तक इसमें सफ़ल रहा. जब इस बारे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है. कितना मुश्किल था भारत के लिए बिना किसी विवाद के इतने बड़े स्तर के इंटरनेशनल समिट को पुलऑफ़ कर पाना, न्यू दिल्ली डिक्लेरेशन में क्या मुख़्य बातें कही गई हैं, इसके टेकअवेज़ क्या हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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दिल्ली में एक विशाल आयोजन समाप्त हुआ तो अयोध्या में एक विशाल आयोजन की तैयारी शुरु हो गई. अगले साल जनवरी महीने में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी ने इस विषय पर अयोध्या में ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की. इसमें पूरे देश को इस आयोजन से जोड़ने की योजना बनाई गई. देश भर में शौर्य यात्रा निकालने की ज़िम्मेदारी बजरंग दल को दी जाएगी. इसके कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर इस कार्यक्रम की जानकारी देंगे. मतलब आयोजन को बेहद भव्य बनाने की कोशिश है. 30 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच शौर्य यात्रा निकाल कर इसकी शुरुआत की जाएगी. प्राण प्रतिष्ठा को यादगार बनाने के लिए संघ की ओर से और क्या तैयारी है और क्या ये एक तरह से भाजपा के लिए माहौल तैयार करने के भी काम आएगा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मैच के ऊपर बारिश की कृपा लगातार बनी हुई है. ग्रुप मैच को धोने के बाद कल क्वालीफ़ायर राउंड का मैच भी लगभग आधे के आधे पर रुक गया. क्योंकि भारत-पाकिस्तान के लिए एक दिन रिज़र्व डे रखा गया था, इसलिए बचा हुआ मैच आज खेला जाएगा. कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में टॉस जीत कर पाकिस्तान ने पहले गेंदबाज़ी करने के फ़ैसला किया, मैचे रोके जाने तक भारत 24.1 ओवर में दो विकेट गवां कर 147 रन बना चुका है. क्रीज पर विराट कोहली और के. एल राहुल मौजूद हैं. भारत की ओर से रोहित शर्मा ने 56 और शुभमन गिल ने 58 रनों की पारी खेली है. फ़िलहाल मैच पर किसकी पकड़ ज़्यादा मज़बूत है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







