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Drone सेक्टर की लगेगी लॉटरी! सरकार लाने जा रही है भारी-भरकम सब्सिडी वाली स्कीम; घर-घर पहुंचेगा 'देसी' ड्रोन
Zee News
Drone sector India Budget 2026: भारत सरकार आगामी बजट 2026 में देश के ड्रोन सेक्टर को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है. Moneycontrol की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ड्रोन बनाने वाली कंपनियों के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना ला सकती है. इसका मुख्य उद्देश्य भारत को ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाना और चीन जैसे देशों पर निर्भरता को पूरी तरह खत्म करना है.
Drone sector India Budget 2026: पिछले कुछ वर्षों में PLI (प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम ने ड्रोन सेक्टर को काफी सहारा दिया है, लेकिन अब सरकार इसे और बड़े स्तर पर ले जाना चाहती है. नई योजना के तहत ड्रोन के पुर्जे जैसे बैटरी, मोटर और सेंसर को भारत में ही बनाने के लिए भारी सब्सिडी दी जा सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब फरवरी 2026 में बजट पेश करेंगी, तो सबकी नजरें ड्रोन सेक्टर पर टिकी होंगी. सरकार का मानना है कि ड्रोन केवल मनोरंजन या फोटोग्राफी के लिए नहीं है, बल्कि यह खेती, रक्षा, डिलीवरी और आपदा प्रबंधन में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए, बजट 2026 में एक समर्पित योजना का एलान होने की संभावना है जो न केवल बड़ी कंपनियों को बल्कि छोटे स्टार्टअप्स को भी आर्थिक मदद पहुंचाएगी. सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ सालों में भारत में लाखों लोगों को ड्रोन सेक्टर में रोजगार मिले और भारतीय ड्रोन पूरी दुनिया के बाजारों में बिकें.

Dry Kaveri Engine: भारत अपनी सैन्य शक्तियों को लगातार मजबूती दे रहा है. देश का रक्षा मंत्रालय अब स्वदेशी ड्राई कावेरी इंजन के ऊपर बेहद अग्रेसिव टाइमलाइन में काम करने लगा है. भारत के रक्षा मंत्रालय ने गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) को 2026 तक ड्राई कावेरी इंजन का सर्टिफिकेशन पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

China nuclear aircraft carrier: चीन ने अपने पहले परमाणु ऊर्जा से चलने वाले विमानवाहक पोत का निर्माण शुरू कर दिया है. चीन का यह नया जहाज 1 लाख टन का होगा, जो अमेरिकी नौसेना के सबसे बड़े जहाजों के बराबर है. चीन की इस तेजी ने भारतीय नौसेना के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, क्या भारत को भी इतना ही बड़ा जहाज बनाना चाहिए, या फिर चीन को रोकने के लिए परमाणु हमले वाली पनडुब्बियों (SSN) पर पैसा लगाना चाहिए.

Su-30MKI upgrade IAF Super-30 plan: भारतीय वायुसेना अपने Su-30MKI बेड़े को आधुनिक बनाने के लिए 'सुपर-30' अपग्रेड प्रोग्राम पर तेजी से काम कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस अपग्रेड का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसका सॉफ्टवेयर होगा, जिसे भारत में ही विकसित किया जा रहा है. इससे न केवल विमान की ताकत बढ़ेगी, बल्कि रूस पर देश की निर्भरता भी काफी कम हो जाएगी.

New Year Offbeat Travel Destinations in India: भारत में घूमने के लिए लोग हमेशा तैयार रहते हैं, जिसके चलते वे नई जगहों को खोजते रहते हैं. देश में नए साल पर लोग घूमने के लिए काफी बेताब होते हैं. जिसके चलते वे ऑफबीट जगहों की तलाश में रहते हैं. देश में कई ऐसी जगहें हैं जो नए साल पर घूमने के लिए बेस्ट हैं.

fixed wing surveillance UAV of Indian Army: भारत अपनी सैन्य शक्तियों को लगातार मजबूत कर रहा है. जिसको लेकर देश में स्वदेशी तरह से कई हथियारों का निर्माण हो रहा है. अब इसी सिलसिले को जारी रखते हुए भारतीय सेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. वेस्टर्न कमांड ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के लिए मेड इन इंडिया ड्रोन को मैदान में उतारा है.

IAF Astra Mk2 Missile: भारतीय वायुसेना अपनी हवाई ताकत को दुनिया में सबसे ऊपर ले जाने के लिए अस्त्र मार्क-2 (Astra MkII) मिसाइल को बड़े पैमाने पर शामिल करने की योजना बना रही है. यह मिसाइल अब अपने विकास के अंतिम चरण में है और जल्द ही इसके उत्पादन को मंजूरी मिलने वाली है. वायुसेना लगभग 400 ऐसी मिसाइलों का बल्क ऑर्डर देने की तैयारी में है, जो दुश्मन के विमानों को उनकी नजर में आने से पहले ही खत्म करने की क्षमता रखती हैं.

Tejas Mk2 Fighter Jet: दशकों से भारतीय वायुसेना का तरीका यह रहा है कि वह अपनी जरूरतें बताती थी और फिर रक्षा संस्थान जैसे HAL और ADA विमान तैयार करके देते थे. इस प्रक्रिया में कई बार सालों की देरी हो जाती थी. लेकिन Tejas Mk2 के मामले में वायुसेना ने इस 'वेटिंग गेम' को खत्म कर दिया है. 2026 में होने वाली संभावित पहली उड़ान के बाद, वायुसेना ने लक्ष्य रखा है कि 2030 से पहले यह विमान सरहद की सुरक्षा के लिए तैनात हो जाए.

Spicejet Orders 100 Natilus Blended Wing Body Aircraft: लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट ने नाटिलस से 100 ब्लेंडेड-विंग-बॉडी (BWB) विमान खरीदने का ऑर्डर दिया है. इसे नई पीढ़ी की विमान डिजाइन के लिए सबसे बड़े शुरुआती कमर्शियल ऑर्डर्स में से एक माना जा रहा है. इसके साथ ही नाटिलस ने भारत में ही विमान निर्माण इकाई लगाने की योजना का भी ऐलान किया है.





