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भारत ने उतारा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर-प्रूफ ड्रोन, भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत; इस हथियार से बदलेगी EW युद्ध की तस्वीर
Zee News
fixed wing surveillance UAV of Indian Army: भारत अपनी सैन्य शक्तियों को लगातार मजबूत कर रहा है. जिसको लेकर देश में स्वदेशी तरह से कई हथियारों का निर्माण हो रहा है. अब इसी सिलसिले को जारी रखते हुए भारतीय सेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. वेस्टर्न कमांड ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के लिए मेड इन इंडिया ड्रोन को मैदान में उतारा है.
fixed wing surveillance UAV of Indian Army: भारत की रक्षा तकनीकों में भारतीय सेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में काफी बड़ा कदम उठाया है. सेना की वेस्टर्न कमांड ने एक नए स्वदेशी फिक्स्ड विंग ड्रोन का सफल परीक्षण किया है. भारतीय सेना के द्वारा टेस्ट किया गया यह ड्रोन खास तौर से इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) जैसे माहौल में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.

Israel defence shift to India: यूरोप के कई देशों द्वारा सैन्य सामानों की सप्लाई पर पाबंदी लगाने के बाद इजरायल अब अपनी रणनीति बदल रहा है. इजरायल अब हथियारों के पुर्जों और कल-पुर्जों के लिए यूरोप पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसके लिए इजरायल ने भारत को अपना सबसे भरोसेमंद ठिकाना चुना है. अब इजरायली कंपनियां भारत में ही अपने हथियारों का निर्माण और रखरखाव करने की योजना बना रही हैं.

DRDO stealth lab Bistatic: यह सफलता भारत को हवाई युद्ध के मामले में एक महाशक्ति बनाने की दिशा में सबसे बड़ा फैसला है. अब भारत के पास अपनी अदृश्य सेना बनाने की पूरी चाबी मौजूद है. जिसके बाद IAF के लड़ाकू विमानों के पास अदृश्य होने की जबरदस्त ताकत होगी. जिससे जंग के मैदान में भारत को बड़ी बढ़त हासिल होगी.

RV Lakshya drone: हैदराबाद स्थित Raghu Vamsi ग्रुप के ARROBOT डिवीजन ने रक्षा क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाते हुए 'RV Lakshya' नाम का एक स्वदेशी जेट-पावर्ड टारगेट ड्रोन लॉन्च किया है. यह ड्रोन खास तौर पर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अभ्यास के लिए बनाया गया है. यह हवा में बिल्कुल एक असली दुश्मन के लड़ाकू विमान या मिसाइल की तरह उड़ता है, ताकि हमारी सेनाएं अपनी मिसाइलों और हथियारों का सटीक निशाना लगा सकें.

बिजली की रफ्तार से फाइटर जेट गिरफ्तार! अरेस्टिंग केबल से होता है यह कमाल; टूट जाए वायर तो क्या होगा?
Fighter jet Arresting Wire: फाइटर जेट को लैंड करने और उड़ान भरने के लिए कम से कम 500 मीटर के रनवे की जरूरत होती है, लेकिन एयरक्राफ्ट कैरियर पर फाइटर जेट 150 से 200 मीटर के रनवे पर लैंड कर जाता है. यह लैंडिंग अरेस्टिंग केबल से होती है, हवा से बात करने वाले फाइटर जेट को एक सेकेंड में जाम कर देता है.

AMCA Mark-2 Engine: भारत को AMCA फाइटर जेट के लिए सैफ्रान एक ऐसा इंजन देगा, जो AMCA मार्क-2 में फिट बैठ जाए. यह एक ऐसा ताकतवर इंजन होगा, जो बिना आफ्टरबर्न सूपरक्रूज उड़ान भरेगा. इस इंजन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जब भी भारत 6वीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाएगा तो इसी इंजन को अपग्रेड करके इस्तेमाल कर सकता है.








