Delhi Pollution: दिल्ली में कब सुधरेगी हवा? राजधानी में आज भी घुट रहा दम, एयर क्वालिटी 'बहुत खराब'
AajTak
Air Pollution in Delhi: सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह लगभग साढ़े छह बजे 362 दर्ज किया गया.
Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एयर क्वालिटी (Delhi AQI) लगातार पिछले कई दिनों से 'बहुत खराब' कैटेगरी में बनी हुई है. गुरुवार सुबह पांचवें दिन भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 'बहुत खराब' ही दर्ज किया गया. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह लगभग साढ़े छह बजे 362 दर्ज किया गया. Delhi continues to witness 'very poor' air quality with overall Air Quality Index (AQI) standing at 362 (at 06:33am): System of Air Quality & Weather Forecasting & Research (SAFAR)
साउथ दिल्ली से BJP सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आज तक से बातचीत में कहा कि अरविंद केजरीवाल के कुशासन से मुक्ति दिलाएंगे. उनकी वजह से दिल्ली के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. लोगों तक पीने का पानी पहुंचाना है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी बना दिया है. इसे ठीक करना है.
BJP के नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू ने छिंदवाड़ा से अपनी जीत की वजह नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी और गरीब कल्याण योजनाओं को बताया. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य होंगे. इस वीडियो में विवेक बंटी साहू ने छिंदवाड़ा जीतने की अपनी रणनीति के बारे में भी बताया, आइए उसके बारे में जानते हैं.
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के रहने वाले चार छात्र रूस के एक विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे. ये सभी छात्र वोल्खोव नदी के किनारे टहलने निकले थे. उसी दौरान परिजनों को वीडियो कॉल करते हुए छात्र पानी में घुसने लगे. इसी बीच एक तेज लहर आई, जिसमें सभी बह गए. अब चारों छात्रों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिन्हें अब भारत लाने की तैयारी है.
2024 के आम चुनाव में 14 अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से 74 नई महिला सांसद चुनाव जीतकर सांसद भवन पहुंचीं हैं. जो कि 33% कोटे का महज 13.6% है. वहीं, इंडिया टुडे की डेटा इंटेलिजेंस यूनिट ने 1957 से 2024 तक लोकसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और 1962 से 2024 तक महिलाओं के मतदान प्रतिशत से जुड़े डेटा का विश्लेषण किया है, जिसमें चौंकाने वाली जानकारी मिली है.