
Curlies Demolition: GCZMA ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, कहा- मौजूदा ढांचा अवैध
AajTak
Curlies Demolition: गोवा कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी (GCZMA ) ने सुप्रीम कोर्ट में कर्लीज को ढहाने के खिलाफ लगाई गई क्लब के मालिक की याचिका का विरोध करते हुए हलफनामा दायर किया है. GCZMA ने हलफनामे में बताया है कि क्लब के मालिक ने CRZ नोटिफिकेशन का उल्लंघन किया है.
गोवा कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी (GCZMA ) ने सुप्रीम कोर्ट में कर्लीज को ढहाने के खिलाफ लगाई गई क्लब के मालिक की याचिका का विरोध करते हुए हलफनामा दायर किया है. GCZMA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मौजूदा ढांचा अवैध है. क्लब के मालिक ने CRZ नोटिफिकेशन का उल्लंघन किया है. इसी कर्लीज क्लब में बीजेपी नेता सोनाली फोगाट की संदिग्ध मौत हुई थी.
GCZMA ने अपने हलफनामे में बताया है कि क्लब के मालिक ने CRZ नोटिफिकेशन का उल्लंघन किया है. जो उन सभी क्षेत्रों में कॉमर्शियल गतिविधियों को शुरू करने से पहले GCZMA की पूर्व अनुमति को अनिवार्य करते हैं. इसके साथ ही अथॉरिटी ने कहा है कि कर्लीज रेस्टोरेंट प्री-डेट नहीं है. उसका संरचना स्थायी है.
कर्लीज क्लब का कोई नक्शा नहीं है और न ही साल 2003 के गूगल मैप्स में उसकी कोई फोटो है. सूट संपत्ति के ऊपर की वर्तमान संरचना और 1991 से पहले मौजूद संरचना काफी अलग है. अथॉरिटी ने कहा कि क्लब के मालिक ये साबित करने में नाकाम रहे कि वर्तमान संरचना के निर्माण और कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए GCZMA की अनुमति ली गई थी.
कर्लीज के मालिक को यह साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए गए थे कि जिस तारीख को CRZ 1991 अधिसूचना अस्तित्व में आई थी, उससे पहले वाणिज्यिक गतिविधियां की जा रही थीं. हालांकि उनके द्वारा कोई सबूत पेश नहीं किया जा सका.
1991 से पहले नहीं था कर्लीज क्लब
यदि 1980 से एक बार सहित व्यावसायिक गतिविधि संचालित की जा रही थी, तो मालिकों को शराब बेचने के लिए बार लाइसेंस, पंचायत के व्यापार लाइसेंस, वाणिज्यिक कर पंजीकरण, दुकानों और स्थापना लाइसेंस आदि की आवश्यकता थी. ऐसा कोई लाइसेंस या अनुमति नहीं दी गई है. इससे स्पष्ट है कि मालिक ये साबित करने में नाकाम रहे कि उनका क्लब 1991 से पहले मौजूद था.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.






