
CrPC Section 57: गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को हिरासत में रखे जाने से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 57
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सीआरपीसी (CrPC) की धारा 57 (Section 57) में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को हिरासत में रखे जाने संबंधी प्रावधान (provision) के बारे में बताया गया है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 57 क्या बताती है?
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) के अध्याय (Chapter) और धाराएं (Sections) हमें अदालत (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया(Process) के बारे में जानकारी (information) देती हैं. इसी प्रकार से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 57 (Section 57) में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को हिरासत में रखे जाने संबंधी प्रावधान (provision) के बारे में बताया गया है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 57 क्या बताती है?
सीआरपीसी की धारा 57 (CrPC Section 57) दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 57 (Section 57) में बिना वारंट गिरफ्तार (arrest) किए गए व्यक्ति का चौबीस घंटे से अधिक निरुद्ध (detained) न किया जाना परिभाषित (defined) किया गया है. CrPC की धारा 57 के मुताबिक कोई पुलिस अधिकारी (police officer) वारंट के बिना (without warrant) गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को उससे अधिक अवधि के लिए अभिरक्षा में निरुद्ध (detained in custody) नहीं रखेगा जो उस मामले की सब परिस्थितियों में उचित है तथा ऐसी अवधि, मजिस्ट्रेट के धारा 167 के अधीन विशेष आदेश के अभाव (absence of special orders) में गिरफ्तारी के स्थान से मजिस्ट्रेट के न्यायालय (magistrate's court) तक यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़कर, चौबीस घंटे से अधिक की नहीं होगी.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC) सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.
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