CM गहलोत के सामने भिड़े दो मंत्री- डोटासरा और शांति धारीवाल, कहा- 'जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो...'
AajTak
फ्री वैक्सीन अभियान को लेकर शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सभी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने की कही थी बात जिसका शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने विरोध किया. शांति धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि यह ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा जाना चाहिए, कलेक्टर को देकर क्या करोगे?
राजस्थान में हाल ही में हुई एक कैबिनेट बैठक के दौरान कांग्रेस सरकार में मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा और शांति धारीवाल के बीच गरमा गर्मी बढ़ गयी. कांग्रेस नेताओं के बीच हुई इस हॉट टॉक की चर्चा हर तरफ है. जानकारी के मुताबिक बैठक के बाद एक बार फिर दोनों नेता बाहर निकलने पर एक दूसरे से भिड़ गए. दरअसल, फ्री वैक्सीन अभियान को लेकर शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सभी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने की कही थी बात जिसका शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने विरोध किया. शांति धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि यह ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा जाना चाहिए, कलेक्टर को देकर क्या करोगे? इस पर डोटासरा ने कहा फिर राष्ट्रपति को देकर क्या कर लोगे. दोनों ही नेताओं के बीच होने वाली इस बहस को सीएम गहलोत देखते रहे. बैठक खत्म होने के बाद भी दोनों मंत्री आपस में बहस करते रहे. दोनों को शांत करने के लिए कई वरिष्ठ मंत्रियों ने मोर्चा संभाला. वहीं डोटासरा ने मुख्यमंत्री से शिकायत की, कि वरिष्ठ मंत्री संगठन की मदद नहीं करते हैं. शांति धारीवाल के टोकने से नाराज होकर डोटासरा ने मुख्यमंत्री से शिकायती लहजे में कहा कि आपके सामने सब कुछ हुआ है, पार्टी संगठन के मुद्दे पर बात हुई तो अध्यक्ष को बोलने तक नहीं दिया, इस तरह के बर्ताव पर कार्रवाई होनी चाहिए.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.