
'BJP को 2024 में समाप्त कर देंगे', मणिपुर में 5 विधायकों के पाला बदलने से तमतमाई JDU
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जनता दल यूनाइटेड की पटना में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी से ठीक पहले मणिपुर में पार्टी के छह में से पांच विधायकों ने पाला बदल लिया है. जेडीयू विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इस सियासी घटनाक्रम को लेकर जेडीयू ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जेडीयू ने कहा है कि सहयोगियों की पीठ में छुरा घोंपना बीजेपी का चरित्र है.
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोला है. जेडीयू ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर मणिपुर में पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है. शुक्रवार को मणिपुर में जेडीयू के छह में से पांच विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. छह में से पांच विधायकों के पार्टी छोड़ने को लेकर जेडीयू में आक्रोश है.
जेडीयू प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने अपनी पूर्व गठबंधन सहयोगी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सहयोगियों की पीठ में छुरा घोंपने का बीजेपी का चरित्र है. पहले उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में हमारे सात विधायकों को तोड़ा और अब मणिपुर में पांच विधायकों का दलबदल करा दिया. हमने इन राज्यों में अपने दम पर चुनाव जीता था.
नीरज कुमार ने कहा कि यह बीजेपी का नया चरित्र है. वे नहीं चाहते कि अन्य छोटी पार्टियां बढ़ें. उन्होंने कहा कि देश के लोग सब कुछ देख रहे हैं और जेडीयू साल 2024 में बीजेपी को खत्म कर देगी. गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को पटना में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले बड़ा झटका लगा जब मणिपुर के छह में से पांच विधायकों ने दल बदल लिया.
मणिपुर के सभी छह जेडीयू विधायक पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए पटना पहुंचने वाले थे लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पाला बदल लिया. पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जेडीयू के जो विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं, उनमें खुमुक्कम सिंह, नगुरसंगलूर सनाटे, अचब उद्दीन, थंगजाम अरुण कुमार और एलएम खौटे शामिल हैं.
मणिपुर के विधानसभा स्पीकर ने जेडीयू विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को मान्यता भी दे दी है. बता दें कि मणिपुर से पहले अरुणाचल प्रदेश मेंजेडीयू के सात विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. खास बात ये है कि जब अरुणाचल प्रदेश के जेडीयू विधायक बीजेपी में शामिल हुए, तब बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार थी. बीजेपी और नीतीश की पार्टी के बीच तब गठबंधन था.

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